कोविड-19 की महामारी के बीच लोगों को सोशल मीडिया की ताकत भी देखने को मिली. सोशल मीडिया की ताकत के कारण ही कभी भूखों को खाना मिल पाया, तो कभी कई लोग अपनों तक वापस पहुंच पाये. इस दौरान सोशल मीडिया ने एक 12 वर्षीय लड़के को भी उसके माता-पिता से मिला दिया. सोशल मीडिया की मैजिकल स्टोरी को IPS अधिकारी अरुण बोथरा ने ट्विटर पर बयां किया. 

ये घटना दिल्ली के द्वारका की है. Gulf News की रिपोर्ट के अनुसार, लॉकडाउन से पहले लड़के के माता-पिता उसे दिल्ली में रिश्तेदारों के पास छोड़ गये थे. वो उसे लेने आने ही वाले थे कि देशभर में लॉकडाउन की घोषणा हो गई. लॉकडाउन के कारण रिश्तेदारों ने इस लड़के को घर से निकाल दिया. ऐसे में उसके पास सड़क पर ज़िंदगी गुज़ारने के अलावा कोई चारा नहीं था. इस दौरान वो द्वारका के एक पार्क में ठहरा रहा. 

पार्क में बच्चे को इस तरह बेसराहा देख योगिता नामक महिला उसका सहारा बनी. महिला ने हफ़्तों तक उसे खाना खिलाया. इस दौरान बच्चे की दुर्दशा देख स्नेहा नामक एक अन्य महिला भी उसकी मदद को सामने आई. उसने बच्चे के दर्द को ट्वीट पर बयां किया और उसे उसके माता-पिता से मिलाने का निवेदन किया. बच्चे के माता-पिता बिहार के समस्तीपुर में रहते थे. 

सोशल मीडिया पर बच्चे के बारे में पढ़ कर कई लोग उसकी मदद को सामने आये. अंत में सबकी मेहनत रंग लाई और बच्चे के माता-पिता को पटना से दिल्ली लाया गया. आखिरकार पार्क में बच्चा अपने माता-पिता से मिल गया. 

एक तरफ़ बच्चे के रिश्तेदार थे, जिन्होंने मुश्किल घड़ी में उसे घर से निकाल दिया. दसूरी तरफ़ सोशल मीडिया पर वो बेगाने थे, जिन्होंने उसे उसके मां-बाप तक पहुंचाने में जी-जान लगा दी. ये दुनिया भी अजीब है यार. 

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