अब वो दिन दूर नहीं है, जब लोग ड्राइविंग करने के साथ-साथ मोबाइल फ़ोन पर बात तो करेंगे ही, बल्कि मॉर्निंग टी, ब्रेकफास्ट और कॉफ़ी का मज़ा भी ले सकेंगे. इतना ही नहीं इसमें बैठकर लोग अपने लैपटॉप पर काम करने के साथ मैसेज भी आसानी से कर पाएंगे. ऑटोमोबाइल्स की दुनिया में यह एक महत्वपूर्ण कदम है. इसके माध्यम से लोग कार को ड्राइव किये बिना एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंच जाएंगे. अब न होगी ड्राइविंग की थकान और न ही होगा लम्बे रास्ते का डर.
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आज दुनिया सेल्फ़-ड्राइविंग कारों की गतिशीलता, सुरक्षा और सुविधा के साथ एक नए युग में प्रवेश करने की उम्मीद कर रही है. सेल्फ़-ड्राइविंग कारें जल्द ही हमारे जीवन का एक अभिन्न अंग बन सकती हैं. इसके साथ ही इससे हमारे जीवन में ऐसे बदलाव आ सकते हैं, जिनके बारे में हमने अभी तक सोचा भी नहीं होगा. कुछ नियम और शर्तों को ध्यान में रखा जाए, तो आने वाले पांच से दस सालों के अंदर सेल्फ़ ड्राइविंग कारें मार्केट में उपलब्ध होंगी. लेकिन हर जगह और हर संभव परिस्थिति में इस तरह की कारों को चलाने में अभी दस से बीस साल भी लग सकते हैं.
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ट्रांसपोर्टेशन रिसर्चर्स के अनुसार, इसमें एक समस्या यह है कि इस तरह की कारों को ज़्यादा से ज़्यादा लोग इस्तेमाल करेंगे, जो उनकी लाइफ में कई तरह के अच्छे और बुरे बदलाव लाएगा.
आइये अब जानते हैं ऐसे ही कुछ बदलावों के बारे में:
1. लॉन्गर ड्राइवर्स
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रिसर्चर्स के अनुसार, सेल्फ़-ड्राइविंग कारों से मीलों का सफ़र आसानी से तय हो पाएगा. हालांकि सुविधा को देखते हुए भविष्य में इस तरह की कारों की संख्या बढ़ेगी, जिस कारण ट्रैफिक के बढ़ने की भी सम्भावना हो सकती है. एक्सपर्ट्स का कहना तो यह भी है कि आगे चलकर सेल्फ़-ड्राइविंग कारें बच्चों को स्कूल, डांस क्लास और कई अन्य तरह की एक्टिविटीज़ के लिए जाने में भी मदद करेंगी.
2. परिवार के साथ बिता पाएंगे ज्यादा समय
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इन कारों में सफ़र के दौरान आप काम तो कर ही पाएंगे, साथ ही खाना-पीना, सोना और मूवीज़ भी बिना किसी डिस्टर्बेंस के देख पाएंगे. इतना ही नहीं आप अपने घर में फैमिली के साथ ज्यादा से ज्यादा वक़्त गुज़ार पाएंगे, क्योंकि आप ऑनलाइन ऑर्डर करने के बाद इस कार को घर का सामान लाने के लिए ग्रॉसरी शॉप तक भेज सकते हैं.
3. मिलेगी सस्ती और सुरक्षित यात्रा
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ड्राइवरलेस कार के माध्यम से आपका सफ़र सस्ता होने के साथ-साथ सुरक्षित भी होगा. 90 फ़ीसदी एक्सीडेंट के लिए ज़िम्मेदार इंसान से हुई गलतियां ही होती हैं. इस तरह की कारों के इस्तेमाल से सड़क दुर्घटनाओं की संख्या में भारी कमी होने की सम्भावना है. इसके अलावा इसमें इंश्योरेंस और मेंटिनेंस का खर्च भी बचेगा. इस कार की सबसे बड़ी कीमत ड्राइवर्स के समय की बचत होगी. एक अध्ययन के अनुसार, ये अनुमान लगाया गया है कि इसके माध्यम से आप ट्रैवेल पर होने वाले खर्च में लगभग 80 प्रतिशत की कमी कर पाएंगे.
4. ट्रैफिक स्थिति में आएगा बदलाव
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सेल्फ़-ड्राइविंग कारों की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इससे ट्रैफिक कम होगा क्योंकि ड्राइवरलेस कार और ट्रक्स सुरक्षित हैं और ये कम जगह में भी स्पीड के साथ ट्रैवेल कर सकते हैं. इसके आकार और साइज़ को देखते हुए हाईवेज़ की चौड़ाई कम की जा सकती है क्योंकि इस वाहन को न ही ज्यादा जगह की ज़रूरत होगी और न ही इनमें किसी तरह की एरर होने की गुंजाइश होगी. इसके साथ ही दुर्घटनाएं भी कम होंगी. लेकिन अगर आजकल की कारें भी भविष्य में इनके साथ सड़कों पर दशकों तक चलती रहीं, तो इनसे मिलने वाले फ़ायदे कम हो जाएंगे. ड्राइवरलेस कारें एक ही रूट पर जाने वाले लोगों के लिए कारपूल करने का बेस्ट ऑप्शन बन सकती हैं. और जब लोग कारपूल के ऑप्शन को ज्यादा से ज्यादा उपयोग में लाएंगे, तो ज़ाहिर सी बात है कि सड़कों पर ट्रैफिक कम होने के साथ प्रदूषण भी कम होगा.
5. कम दूरी की हवाई यात्राओं में होगी कमी
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इन कारों के सड़कों पर उतरने से एयरलाइन्स इंडस्ट्री को नई प्रतिस्पर्धाओं का सामना करना पड़ेगा क्योंकि लोग कम दूरी के सफ़र को तेज़ रफ़्तार और कम खर्च के साथ तय करना ज्यादा पसंद करेंगे, न कि अधिक खर्च में हवाई यात्रा करेंगे. इन कारों से एक शहर से दूसरे शहर तक का सफ़र कम समय में तय किया जा सकता है. इसलिए ट्रान्सिट एजेंसियों को इस प्रतिस्पर्धा में बने रहने के लिए अपने किरायों और सर्विसेज़ में बदलाव करना आवश्यक हो जायेगा.
6. गवर्नमेंट की पॉलिसीज़ और टैक्सेशन में होगा बदलाव
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Shared-Vehicle Model Work को लागू करने के लिए गवर्नमेंट को राजमार्गों पर भीड़ मूल्य निर्धारण करना होगा. शहरी इलाकों में पार्किंग को लिमिटेड करना होगा. ऐसा करने से लोगों में कारपूल ऑप्शन को अपनाने की समझ आएगी.
तो, सेल्फ़-ड्राइविंग कार के बारे में आपका क्या सोचना है? आपको क्या लगता है कि ये कार वास्तव में हमारी लाइफस्टाइल में बदलाव लाएगी? इस बारे में अपने कमेंट्स ज़रूर शेयर करियेगा.