वरिष्ठ नागरिकों के लिए लोगों के दिलों में संवदेनहीनता कम नहीं हो रही. वृद्धों को बोझ समझने वाले उनके साथ अमानवीय अत्याचार करते हैं
दिल्ली महिला आयोग ने 95 साल की वृद्धा को उसकी बहू के चंगुल से छुड़ाया है.
महिला आयोग में वृद्धा के बेटे ने शिकायत दर्ज करवाई थी. शिकायतकर्ता ने ये भी बताया था कि उसके और उसकी पत्नी के बीच काफ़ी अनबन है और उसकी मां काफ़ी बीमार है.
शिकायतकर्ता ने ये भी बताया था कि जब भी वो अपनी मां से मिलने की कोशिश करता तो उसकी बीवी उसे मिलने नहीं देती और उसे पुलिस की सहायता लेनी पड़ती.
महिला आयोग द्वारा 50 साल की एक औरत को उसके भाइयों के चंगुल से छुड़ाए जाने की ख़बर जानकर उसे लगा कि उसकी मां को छुड़ाया जा सकता है.
शिकायतकर्ता की बात पर महिला आयोग ने आरोपी महिला के घर पर छापा मारा. पहले तो वो टीम को अंदर नहीं जाने दे रही थी लेकिन काउंसिलिंग के बाद राज़ी हो गई लेकिन उसने अपने पति से एक कागज़ पर लिखवाया कि अपनी मां को ले जाने के बाद वो कभी उस घर की तरफ़ मुड़ के भी नहीं देखेगा.
महिला आयोग टीम को वो वृद्धा काफ़ी बुरी स्थिति में मिली. वो काफ़ी बीमार थी, उसे सिर्फ़ एक पतला कपड़ा ओढ़ाया गया था और दैनिक काम के लिए एक बाल्टी दी गई थी.
महिला आयोग की टीम ने एंबुलेंस बुलाई और वृद्धा को अस्पताल में भर्ती करवाया गया.
पता नहीं कब तक वृद्धों के प्रति लोग इस तरह का व्यवहार करते रहेंगे.