असली मसाले सच सच MDH MDH… 

टीवी सीरियल्स के बीच आने वाले MDH के इस विज्ञापन को तो आपने देखा ही होगा. इस विज्ञापन में आपने अगर गौर किया हो तो मसाले के पैकेट पर एक बुज़ुर्ग शख़्स की तस्वीर भी देखी ही होगी. ये शख़्स कोई और नहीं, बल्कि ‘महाशियन दि हट्टी’ यानि कि MDH के मालिक धरमपाल गुलाटी हैं.  

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दरअसल, धरमपाल गुलाटी का ज़िक्र इसलिए किया जा रहा है क्योंकि सरकार ने उन्हें इस साल पद्मभूषण से सम्मानित किया है. व्यापार और उद्योग जगत में श्रेष्ठ योगदान के लिए चुने गए गुलाटी की कहानी बेहद रोचक और प्रेरणादायक है.  

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95 साल के धरमपाल गुलाटी MDH ग्रुप के सीईओ हैं. वो FMCG सेक्टर में सबसे ज़्यादा सैलरी पाने वाले CEO भी हैं. बताया जाता है कि पिछले साल उन्हें 25 करोड़ रुपये इन-हैंड सैलरी मिली थी. गुलाटी अपनी सैलरी का करीब 90 फ़ीसदी हिस्सा दान कर दते हैं. वो 20 स्कूल और 1 हॉस्पिटल भी चला रहे हैं. 

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MDH ग्रुप में काम करने वाले कर्मचारी उन्हें दुनिया का सबसे कूल CEO मानते हैं. कूल इसलिए क्योंकि इस उम्र में भी वो खूब मस्ती करते हैं और हमेशा उनके चेहरे पर एक प्यारी सी स्माइल होती है. बोर्ड मीटिंग के दौरान वो जब भी मौजूद होते हैं वहां लाफ़्टर की क्लास लग जाती है. 

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धरमपाल गुलाटी इतने कूल हैं कि रोज़ाना सुबह 4 बजे उठकर पंजाबी बीट्स पर डंबल से कसरत करते हैं. टीवी विज्ञापन में दिखने वाले वो दुनिया के सबसे अधिक उम्र के स्टार हैं. 95 वर्षीय धरमपाल गुलाटी आज भी अपने उत्पादों का ऐड ख़ुद ही करते हैं.  

कैसे बने विज्ञापन स्टार? 

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इसके पीछे की कहानी भी बेहद दिलचस्प है. एक बार MDH के विज्ञापन की शूटिंग चल रही थी. इस दौरान दुल्हन के पिता का किरदार निभाने वाला एक्टर किसी कारणवश शूटिंग के लिए आ नहीं पाया. डायरेक्टर ने इस रोल को निभाने के लिए धरमपाल गुलाटी से गुज़ारिश की तो वो मान गए. बस फिर क्या वो आज तक MDH मसाले के हर विज्ञापन में दिखते हैं.  

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95 साल के धरमपाल गुलाटी कहते हैं कि ‘अभी तो मैं जवान हूं, क्योंकि मैं कभी भी तनाव में नहीं रहता. बड़ी से बड़ी परेशानी झेली, लेकिन माथे पर कभी भी शिकन नहीं आने दी. मैं यही अपने कर्मचारियों को भी सिखाता हूं, ताकि उनका भी फ़ायदा हो. इससे मेरी भी एक्सरसाइज़ हो जाती है. मुझे जब भी मौक़ा मिलता है ऑफ़िस के पार्क में हमारी लाफ़्टर की क्लास लग जाती है’. 
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मैं किसी भी तरह का नशा नहीं करता, मुझे सिर्फ़ प्यार और काम का नशा है. मैं जब भी कहीं बाहर जाता हूं बच्चे व युवा मेरे साथ सेल्फ़ी लेने लग जाते हैं मुझे ये सब बहुत अच्छा लगता है. अवॉर्ड मिलने के बाद उनका कहना था कि ये सब तो लोगों का प्यार है, मेरा कुछ नहीं. 

धरमपाल गुलाटी भले ही 95 साल के हो गए हों, लेकिन उनका दिल तो अब भी बच्चा ही है. 

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