सड़कों पर दौड़ती लाल, नीली, पीली, काली और सफ़ेद कार्स कितनी अच्छी लगती हैं. इन्हें देख कर किसी का भी मन कार ख़रीदने को करने लगता है. लेकिन जब बात भारतीयों की हो, तो यहां कार ख़रीदना इंटरेस्टिंग होने के साथ ही किफ़ायती भी हो जाता है. कुछ समझ नहीं आया? चलिए एक रिसर्च की मदद से इस पहेली को हल करने की कोशिश करते हैं. 

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केमिकल फ़र्म BASF के विशेषज्ञों ने 2018 में एक सर्वे किया था कि लोग किस रंग की कार ख़रीदना पसंद करते हैं. जो नतीजे सामने आए हैं, उन्हीं से पता चला है कि भारत समेत दुनिया भर के लोगों को सफ़ेद रंग की कार ख़रीदना काफ़ी पसंद है. 

43 फ़ीसदी सफ़ेद कार बिकी हैं 2018 में

सर्वे के अनुसार, भारत में 43 फ़ीसदी कार सफ़ेद रंग की थीं, जो साल 2018 में फ़ैक्टरी से सड़कों पर आईं. इसके बाद नंबर आता है ग्रे और सिल्वर कलर की कार्स का, जो करीब 15 प्रतिशत है. हैरानी की बात ये है कि लोगों को रंगीन कार्स लेने का शौक तो है, लेकिन उसमें भी नीली और लाल कलर को ज़्यादा तरजीह दी गई. 

इसमें 9 फ़ीसदी लाल और 7 प्रतिशत नीली कार्स का हिस्सा है. यानी कार ख़रीदने के मामले में लोग सफ़ेद रंग को दूसरों की तुलना में ज़्यादा पसंद करते हैं. पर ऐसा क्यों? इसका भी जवाब इस रिसर्च में दिया गया है. 

ये है वजह 

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दरअसल, सफ़ेद रंग की कार्स को मेंटेन करना बहुत आसान होता है. साथ ही इस रंग की कार्स दूसरे कलर्स की तुलना में सस्ती भी होती हैं. साथ ही इंडिया जैसे गर्म देश में इस रंग की कार जल्दी गर्म भी नहीं होती. बात जब इन्हें बेचने की आए, तब भी इनके अच्छे ख़ासे दाम मिलते हैं. 

बाकी दुनिया के लोग किस रंग की कार पसंद करते हैं ?

भारत की बात हमने आपको बात ही दी, अब दुनिया का भी हाल जान लेते हैं. उत्तरी अमेरिका में चौथी और यूरोप में तीसरी कार सफ़ेद रंग की है. एशिया-प्रशांत के क्षेत्र में सड़कों पर हर दूसरी कार सफ़ेद रंग की दिखाई देती है. 

ये थी छोटी कार्स की बात, SUV ख़रीदने वाले भी सफ़ेद रंग की गाड़ी ख़रीदने की इच्छा रखते हैं. इस कैटेगरी में 41 फ़ीसदी सफ़ेद रंग की SUV कार्स ख़रीदी गई हैं.