पिछले कुछ दशकों में समाज में बहुत बड़े-बड़े बदलाव देखने को मिले हैं. हांलाकि, फिर भी महिलाओं को लेकर कुछ चीज़ें जैसी की तैसी ही बनी हुई हैं. आज भी घर में सबसे पहले महिलाएं ही उठती हैं. Breakfast से लेकर डिनर तक की सारी टेंशन वही लेती है. पर क्यों? क्यों घर के पुरुष सबसे पहले उठ कर घर के सारे काम नहीं निपटा सकते. आखिर क्यों लाज-शर्म की हिदायत सिर्फ़ महिलाओं को ही दी जाती है. एक-दो नहीं बल्कि बहुत सी बातें हैं, जो 21वीं सदी में भी एक पुरुष और महिला के बीच के अंतर को दर्शाते हैं.
इसलिये आज बात करते हैं उन चीज़ों की जिन्हें महिलाएं भविष्य में स्वीकार होता हुआ देखना चाहती हैं:
1. सरनेम
शादी के बाद पति का Surname ही लड़की का Surname (उपनाम) हो जाता है. सबसे पहले इस प्रथा को ख़त्म करना चाहिये. सरनेम बदलना है या नहीं ये लड़की पर छोड़ देना चाहिये.
2. घर पति संभाले और ऑफ़िस पत्नी
घर की देख-रेख की ज़िम्मेदारी महिला की है और बाहर का काम पुरुष करेगा. पर ऐसा किस क़िताब में लिखा है, जो सदियों से ये दकियानूसी सिस्टम चला आ रहा है.
3. विधवा होने पर मुंडन
आज भी भारत के कई गांव और कस्बे ऐसे हैं, जहां विधवा होने पर महिला का मुंडन करा दिया जाता है. सबसे पहले इस प्रथा को ख़त्म कर देना चाहिये.
4. सिंगल मदर
सिंगल मदर होकर बच्चे की परवरिश करना काफ़ी मुश्किल काम है और हर सिंगल मदर समाज में सम्मान की हक़दार है.
5. नाइट शिफ़्ट
अगर एक पुरुष नाइट शिफ़्ट में काम करके घर लौटता है, तो उसे इज़्ज़त दी जाती है. पर वहीं अगर एक महिला नाइट शिफ़्ट के लिये हां कर दे, तो उसे शक की निगाहों से देखा जाता है.
6. सिंदूर, बिंदी और बिछिया
शादी के बाद सिर्फ़ ये तीन चीज़ें ही महिलाओं की पहचान नहीं होती, बल्कि उनका ख़ुद का एक वर्चस्व भी होता. शादी के बाद हर रोज़ महिला को सिंदूर, बिछिया और बिंदी लगानी है या नहीं इस पर ज़ोर-ज़बरदस्ती नहीं होनी चाहिये.
7. स्तनपान
आज समाज में काफ़ी खुलापन आ चुका है, पर फिर भी खुले में स्तनपान कराते वक़्त महिलाएं ख़ुद को असहज महसूस करती हैं. स्तनपान को लेकर सभी तरह की दकियानूसी बातों पर रोक लगनी चाहिये.
8. लड़कियों को धीरी आवाज़ में बात करनी चाहिये
क्यों भाई अगर तेज़ बोल देंगी, तो क्या कान फट जायेंगे?
9. Napkin Pad
समाज में इतना खुलापन आ जाये कि महिलाएं काली पन्नी के बिना Napkin Pad हाथों में ले जा सकें.
10. मेहमान की आवभगत
घर पर कोई मेहमान आये, तो महिलाएं आराम से उनसे बात सकें. वहीं मेहमानों को नाश्ता सर्व करने की ज़िम्मेदारी पुरुष के पास हो.
अगर आपकी Wishlist में भी कोई चीज़ है, तो कमेंट में बता सकती हैं.
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