आज कल हवाई यात्रा और ट्रेन के 2nd और 3rd AC टिकट में ज़्यादा फर्क नहीं रहा. अब लोग थोड़ी जेब और ढीली करके हवाई यात्रा करना ज़्यादा पसंद करते हैं. लेकिन समय बचाने और रुतबा बढ़ाने के लिए की गई ये यात्रा आपके शरीर को कई तकलीफें दे जाती है. हवाई यात्रा के वक्त, हवा का दबाव आपके शरीर के अलग-अलग भाग को प्रभावित करता है.

citybaseapartments.com के रिसर्चर्स ने Infographics के ज़रिए बताया है कि हवाई यात्रा के दौरान हमारे शरीर का कौन सा भाग कैसे प्रभावित होता है और उससे कैसे बचें.

सबसे पहले आपका मुंह.

यात्रा के वक्त कैबिन के अंदर का वातावरण आपको प्राकृतिक रूप से Dehydrate कर देता है. यानि आपके शरीर में पानी की मात्रा कम होती है. ऐसे में शराब पीना आपके लिए अच्छा नहीं होता. कोशिश करें कि हवाई यात्रा के वक्त ज़्यादा से ज़्यादा सिर्फ़ पानी पिएं.

ज्यादा ऊंचाई पर आपके 1/3 टेस्ट बड्स यानि स्वाद कलिकाएं सुन्न पड़ जाती हैं. यानि आपको खाने का ज़्यादा स्वाद नहीं आएगा. यही कारण है कि ज़्यादातर लोगों को फ्लाइट का खाना पसंद नहीं आता.

अब आई दिल की बारी

जो ज़्यादा हवाई यात्रा करते हैं उन्हें Arrhythmia हो सकती है, यानि दिल की धड़कनों में तकलीफ होना.

ये उन लोगों के साथ ज़्यादा होता है जिनका हाई ब्लड प्रेशर होता है, जो शराब पिए होते हैं या जिनके शरीर में कैफीन की मात्रा ज़्यादा होती है.

आपका पेट भी नहीं बचा इससे

आपके फेफड़ों की तरह आपका पेट भी ज़्यादा ऊंचाई पर फैलने लगता है. इससे आपको पेटदर्द और कब्ज की तकलीफ हो सकती है.

इससे बचने के लिए आप कोई वो चीज़ न खाएं-पिएं जिससे गैस बनती हो.

Express

आपके पैर.

एक ही पोजिशन में घंटों बैठे रहने से आपके पैंरों का खून जम सकता है.

इससे आपके पैरों में खून का बहाव रुक जाएगा, जिससे उनमें सूजन आ सकती है, और आपको Deep Vein Thrombosis जैसी बीमारी भी हो सकती है.

कान को भी होता है नुकसान.

जब प्लेन उड़ता या उतरता है, तब कान के अंदर की हवा कम होती है, जिससे वैक्यूम बनता है.

अगर वैक्यूम से Eustachian Tube ब्लॉक हो जाती है, तो आपके कान के पर्दों में दर्द हो सकता है. ये आपको तब ज़्यादा हो सकता है जब आपको सर्दी- जुकाम हो.

‘नाक में दम’ भी हो सकता है

फ्लाइट पर आपको सर्दी-जुकाम होने का खतरा 100 गुना बढ़ जाता है.

फ्लाइट का कैबिन Moisture-Free होता है. ये वातावरण बीमारी फैलने के लिए सबसे बेहतर होता है.

दांत की बात.

हवा के दबाव में बदलाव आपके दांतों के बीच छोटी-छोटी गैस पॉकेट बना सकती है, जिससे वो कमज़ोर हो सकते हैं.

फेफड़े

हवा के दबाव की वजह से आपके फेफड़े फैलते हैं, जिससे उनमें सूजन हो सकती है.

ये आमतौर पर किसी बड़े लक्षण का रूप नहीं लेती है. बस थोड़ी तकलीफ के बाद ठीक हो जाती हैं, लेकिन ​जिन्हें अस्थमा होता है उनके लिए ये Pneumothorax जैसी बीमारी का कारण बन सकता है.

पैर के पंजे

जिनका ज़्यादा वजन होता है, उनकी एड़ियों में तरल पदार्थ जमा हो जाता है.

इससे बचने के लिए आप कुछ-कुछ देर में चल सकते हैं या पैर के पंजे हिला सकते हैं.

उम्मीद है कि आपको हवाई यात्रा से सम्बंधित कई चीज़ों का पता चल गया होगा. आप इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर करें.

आगे के लिए आपकी यात्रा मंगलमय हो.