अगर जन्म मां देती है, तो ज़िंदगी के मुश्किल रास्तों से बचाने का शॉर्टकट पापा सिखाते हैं. बच्चों की अच्छी परवरिश और देखभाल का क्रेडिट हमेशा से मां को दिया जाता है. दिया भी जाना चाहिए, लेकिन इस बीच एक पिता के रोल को भी नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए. ख़ास कर अब, जब पिता मां की तरह ही बच्चे की देखभाल में पूरा समय दे रहे हैं.
अगर मां डांट लगाती है, तो पापा उस डांट के बाद चॉकलेट खिलाते हैं. प्यार में जब कहीं फंस जाते हैं, तो पापा ही साथ निभाते हैं. एग्ज़ाम्स की टेंशन से लेकर फ्यूचर की प्लानिंग तक, पापा हमेशा साथ नज़र आते हैं. और इसी वज़ह से उन्हें ‘मां’ कहना ग़लत नहीं होगा. हमारे सुपर Supportive Dads हमारे लिये क्या करते हैं, देखिए ज़रा:
1.सब सहते हैं, कुछ नहीं कहते हैं

छोटी-बड़ी हमारी सभी ज़रूरतों को बिना कुछ कहे पूरा करने की कोशिश में लगे रहते है. मां से छुपकर,अपने निजी ख़र्च में कटौती कर हमें एक्सट्रा पॉकेट मनी देते हैं.
2. उसकी ख़ुशी, तुम्हारी हंसी

हमारी हर ख़ुशी के लिए अपनी खु़द की ज़रूरतों को नज़रअंदाज़ कर देते हैं. हमारे लिए हर सुविधा, अच्छी पढ़ाई के लिए लोन लेकर भी पूरा करने की कोशिश करते हैं.
3. मम्मी की डांट से बचाने वाला सुपरहीरो

जब भी हमसे कोई ग़लती हो जाती है, तब मां जमकर डांट लगाती है. लेकिन पापा हमारा मूड ठीक करने के लिए हमेशा चॉकलेट या हमारी मनपसंद चीज़ खिलाते हैं. कई बार हमें डांट पड़ने से बचाने के लिए हमारी ग़लती को अपने सिर ले लेते हैं.
4. शरारत में अपना पार्टनर

हमारी शरारत में भी हमारे पार्टनर बन जाते हैं. उनके साथ अपने पड़ोसियों या फिर दोस्तों कों तंग करने का एक अलग ही मज़ा है.
5. पढ़ाई में हेल्प करने वाला बेस्ट ट्यूटर

मैथ्य के सवाल हो या फिर सांइस के रहस्य, हर पहेली को सुलझाने में हमारी मदद करते हैं. वो एक टीचर का रोल भी अच्छे से निभाना जानते हैं.
6. कभी अच्छी, तो कभी बुरी चीज़ें बनाने वाला कुक

जब मां नाना के यहां चली जाती है या फिर मां कहती है कि ख़ुद बनाकर खा लो. तब डैड हमारे लिए कुक बन जाते हैं. कभी ये कुक आमलेट जला भी देता है, लेकिन उसका भी अपना मज़ा होता है.
7.ब्रेकअप के बाद ख़ुशियों से पैच कराने वाला दोस्त

प्यार के दौरान हम किसी की भी नहीं सुनते, लेकिन जब ब्रेकअप हो जाता है, तो डैड ही हमारे चेहरे पर मुस्कान लाते हैं. वो हमारे एक स्माइल के लिए फ़नी जोक्स भी सुनाने लगते हैं, ताकि हमारा मूड अच्छ हो सके.
8. ATM
जब भी हमें लगता है कि काश कोई होता जो मुश्किल की इस घड़ी में हमारी हेल्प करता. तब हमेशा पापा आस-पास नज़र आते हैं. वो हमसे पहले ही हमारी परेशानियों का हल तलाश कर लेते हैं.
अगर इन सभी बातों को पढ़कर अपने सुपर डैड की याद सताने लगी हो, तो इसे एक बार उनसे ज़रूर शेयर करें.
