यदि यह कहा जाए कि बिहार के इतिहास के बिना भारत का इतिहास अधूरा है, तो इसके पीछे वाजिब तर्क के साथ ऐतिहासिक प्रमाण भी हैं. बिहार लंबे समय तक भारत की राजनीति, शिक्षा और सांस्कृतिक गतिविधियों का केंद्र रहा है. चर्चिल ने कहा था- ‘अतीत में जितनी दूर तक देख सकते हो, देखो. इससे भविष्य की राह निकलेगी.’ बिहार का इतिहास 3000 साल पुराना है. ऐसे में इस राज्य ने पूरी दुनिया को कई ऐसी चीज़ें दी, जो आज हमारे लिए वरदान है. एक कहावत है कि देश के लिए बिहार और शरीर के लिए आहार बहुत ही जरूरी है. तो आइए, हम आपको बिहार के गौरवमय तथ्यों से वाकिफ़ करवाते हैं, जिन्हें जान कर आपका दिल बिहारीमय हो जाएगा.

बिहार में ही भगवान बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी.

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भगवान महावीर का जन्म बिहार में हुआ था.

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मर्यादा पुरूषोत्तम राम की पत्नी सीता का जन्म बिहार में ही हुआ था.

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सिक्खों के गुरु गोविंद सिंह जी का जन्म बिहार में ही हुआ था.

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पाणिनि जिसने संस्कृत व्याकरण लिखा.

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दुनिया को शून्य, दशमलव और सूर्य सिद्धांत देने वाले आर्यभट का जन्म बिहार में ही हुआ था.

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महान अर्थशास्त्री चाणक्य भी इसी धरती के लाल हैं.

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मगध सम्राट अशोक ने अरब तक हिंदुस्तान का पताका फहराया.

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विश्वविजेता सिकंदर को बलशाली राजा चन्द्रगुप्त मौर्य से लड़ने की हिम्मत नहीं हुई.

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विश्व का सबसे पहला महाजनपद (लोकतंत्र) बिहार में ही बना था.

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बिहार के बाबू वीर कुंवर सिंह ने 80 साल की उम्र में अंग्रेजों के दांत खट्टे कर दिए थे.

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बिहार ही वह जगह थी, जहां से गांधी जी ने आज़ादी की आधारशिला रखी थी.

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भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद बिहार से ही थे.

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शहनाई वादक बिस्स्मिल्लाह खान का जन्म बिहार में ही हुआ था.

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Mountain Man के नाम से विख्यात दशरथ मांझी का जन्म बिहार में ही हुआ है.

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विश्व में सबसे ज़्यादा संयुक्त परिवार अभी भी बिहार में है.

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देश में सबसे ज़्यादा IIT और सिविल सेवा के क्षेत्र में बिहार के बच्चे ही सफ़ल रहते हैं.

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पूरे हिन्दुस्तान को समझना है, तो बिहार से बेहतर कोई दूसरा राज्य नहीं हो सकता. धर्म, साहित्य, राजनीति और संस्कार इस राज्य की पहचान हैं. सही नेतृत्व नहीं मिलने के कारण यह राज्य विकास के मामले में अभी भी पिछड़ा हुआ है. समय के साथ परिस्थिति भी बदलती है, उम्मीद है कि एक दिन बिहार में फिर बहार आएगी.