स्मार्टफ़ोन्स हमारी लाइफ़ का हिस्सा बन चुके हैं, इस बात से आप इंकार नहीं कर सकते. लेकिन क्या आप इसके लिए अपनी उंगलियां क़ुर्बान कर सकते हैं? शायद आपका जवाब नहीं हो, मगर UK के लोगों को स्मार्टफ़ोन की लत इस कदर लग चुकी है कि इसके लिए वो अपनी उंगलियां तक कटवाने को तैयार हैं.

हाल ही में ब्रिटेन में Tappable नाम की कंपनी ने स्मार्टफ़ोन एडिक्शन (लत) पर एक सर्वे किया. इसके जो नतीजे सामने आए, वो बहुत ही चौंकाने वाले हैं. इसके मुताबिक, वहां 10 प्रतिशत लोग स्मार्टफ़ोन के लिए अपनी उंगलियां कु़र्बान करने के लिए तैयार हैं. वहीं कुछ लोग इसके लिए सेक्स, अल्कोहल और अपनी एक इंद्री तक कुर्बान करने को तैयार हैं.
स्मार्टफ़ोन की लत हम भारतीयों में भी भर के है. यही चेक करने लिए हमने अपने कुछ साथियों से पूछ लिया कि वो स्मार्टफ़ोन के लिए क्या Sacrifice कर सकते हैं. कुछ इंटरेस्टिंग जवाब मिले:

महिपाल सिंह
मैं स्मार्टफ़ोन के लिए ओवरटाइम करने को तैयार हूं.
राशि शर्मा
मैं स्मार्टफ़ोन को छोड़ बेसिक फ़ोन से काम चला लूंगी.
संचिता पाठक
अगर नौकरी की ज़रूरत नहीं होती, तो मेरे पास स्मार्टफ़ोन नहीं होता. फ़ोन का सारा काम मैं लैपटॉप से ही करती थी. फिर पता चला कि कुछ Apps हैं, जो नौकरी ढूंढने में मदद करते हैं, ये एक बहुत बड़ा कारण था फ़ोन ख़रीदने का.

कुंदन कुमार
मैं बेसिक फ़ोन, जिसमें म्यूज़िक सुनने को मिल जाए उससे काम चला लूंगा.
आकांक्षा तिवारी
मैं एक महीने के लिए पार्लर जाना बंद कर दूंगी.
ईशान रतनम
मैं स्मार्टफ़ोन ही छोड़ दूंगा.

आकांक्षा थपलियाल
मैं अपनी सोशल लाइफ़ कुर्बान कर दूंगी.
अंशिका टंडन
मैं अपने स्मार्टफ़ोन के लिए शॉपिंग करना बंद कर दूंगी.
नबील हसन
संडे को भी काम कर लेता.

जयप्रकाश गुप्ता
मैं मूवीज़ देखना छोड़ देता.
स्मार्टफ़ोन एडिक्शन आज पूरी दुनिया के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है. कई देशों में तो स्मार्टफ़ोन की लत छुड़वाने के लिए क्लिनिक तक खुल गए हैं. इससे पता चलता है कि ये समस्या बुहत जल्द ही किसी महामारी का रूप लेने वाली है. इसलिए हमें वक़्त रहते चेत जाना चाहिए. वरना आज तो लोग सिर्फ़ उंगली काटवाने को तैयार हुए है, बाद में न जाने क्या-क्या कर बैठेंगे?
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