ओलंपिक में चीन की ज़बरदस्त सफ़लता को देखते हुए इस देश को गोल्ड मेडल की फ़ैक्ट्री कहा जाने लगा है. लेकिन चीन की ये हैरतअंगेज़ कामयाबी वहां के बचपन को कुरेद रही है. चीन में बच्चों को छोटी उम्र से ही ओलंपिक के लिए तैयार किया जाता है. बचपन की मासूमियत, देश के सम्मान की भेंट चढ़ गई है. 

चीन की इस मेडल आर्मी का एक ऐसा ही उभरता सितारा है, चेन यी. चेन ने महज़ सात साल की उम्र में ही 8 पैक एब्स और एक एथलीट जैसा शरीर बना लिया है. इस बच्चे को चीन के भविष्य का ओलंपिक चेहरा माना जा रहा है.

पिछले हफ़्ते पूर्वी चीन में 19वीं स्पोर्ट्स सम्मेलन के दौरान सात साल के इस करिश्माई बच्चे की तस्वीरें वायरल हुई थीं. महज़ छोटी सी उम्र में ही इस लड़के ने ऐसी बॉडी बना ली है, जिसकी दुनिया में कई नौजवान केवल कल्पना ही कर पाते हैं. 

चेन ने इस सम्मेलन के जिम्नास्टिक इवेंट्स में एक सिल्वर मेडल और छह गोल्ड मेडल भी जीते. पांच साल की उम्र में ही इस बच्चे ने ट्रेनिंग शुरू कर दी थी और दो साल की कड़ी मेहनत के बाद चेन एक बेहद फ़िट शरीर का मालिक बन बैठा है.

चीन को अक्सर कड़ी ट्रेनिंग के लिए आलोचना झेलनी पड़ती है. पिछले साल चीन से कुछ तस्वीरें जारी हुई थीं, जिनमें छह साल के बच्चों को अत्यधिक कठिन ट्रेनिंग दी जा रही थी. चीनी सरकार की क्रूरता का अंदाज़ा इसी से लगाया जा सकता है कि एक यूथ एकेडमी की इन तस्वीरों में कई छोटी बच्चियां Handstand और ऐसी ही कई पोज़िशंस को प्रैक्टिस करते वक्त ज़ोर-ज़ोर से रोने लगी थीं, क्योंकि ये करना उनके लिए काफ़ी मुश्किल साबित हो रहा था.

चीन के इन विवादास्पद और मुश्किल तरीकों ने उसे ओलंपिक खेलों में ऐतिहासिक सफ़लता ज़रूर दिलाई है. 1980 में चीन ने अपने पहले ओलंपिक में हिस्सा लिया था. 2008 तक आते-आते वह ओलंपिक खेलों का बादशाह बन चुका था. बीजिंग में हुए इन ओलंपिक्स में चीन ने पहला स्थान प्राप्त किया था. वहीं 2012 के लंदन ओलंपिक्स में वह सिर्फ़ अमेरिका से ही पीछे था.

Source: The Sun