आज हम आपको जो जानकारी देने जा रहे हैं, वो जानकर आप यही बोलेंगे कि क्या सच में ऐसा होता है…! आपको जानकर हैरानी होगी कि सिगरेट का पूरा एक पैकेट फूंकने का एक व्यक्ति के फेफड़ों पर जो असर होता है, उससे कहीं ज़्यादा बुरा प्रभाव घर की सफ़ाई में यूज़ होने वाले प्रोडक्ट्स का महिलाओं के फेफड़ों पर पड़ता है. जी हां, ये हम अपने मन से नहीं कह रहे हैं, बल्कि एक स्टडी बोल रही है.

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Norway की University of Bergen के रिसर्चर्स का दावा है, ‘रोज़ाना क्लीनिंग स्प्रेज़ को उपयोग करने से जो नकारात्मक प्रभाव होता है, जो दिन में एक 20 सिगरेट पीने से व्यक्ति के फेफड़ों के स्वास्थ्य पर पड़ता है.

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शोधकर्ताओं के अनुसार, सफ़ाई के लिए यूज़ होने वाले इन क्लीनिंग प्रोडक्ट्स में मौजूद केमिकल जैसे अमोनिया के कारण महिलाओं में सांस संबंधित बीमारियां जैसे अस्थमा, साइनस इन्फ़ेक्शन आदि होने की संभावना बढ़ जाती है. American Thoracic Society के अमेरिकन जर्नल ऑफ़ रेस्पिरेटरी एंड क्रिटिकल केयर मेडिसिन में प्रकाशित शोध के अनुसार, सफ़ाई के लिए ज़्यादा केमिकल का इस्‍तेमाल करने वाली महिलाओं का Airways हर दिन धीरे-धीरे क्षतिग्रस्‍त होता रहता है.

वहीं University of Bergen के प्रोफ़ेसर Cecile Svanes का कहना है कि अस्थमा पर इन कैमिकल्स का प्रभाव कम समय के लिए होता है, जिसके हमें कई प्रमाण भी मिले हैं. जबकि इसके दीर्घकालिक प्रभावों का कोई रिकॉर्ड नहीं है.

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University of Bergen की स्टडी के अनुसार, घर की साफ़-सफ़ाई महिलाओं के फेफड़ों पर एक साथ 20 सिगरेट पीने जितना असर करता है. इससे उनमें सांस से संबंधित बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. वहीं, रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि घर की साफ़-सफ़ाई करने वाले पुरुषों के फेफड़ों पर महिलाओं की तुलना में कम असर होता है. यह अध्‍ययन 6235 महिलाओं और पुरुषों पर किया गया है.

इन शोधों से ये भी पता चला है कि घरों या कार्यस्थलों को साफ़ करने वाली महिलाओं में अस्थमा की शिकार महिलाओं की संख्या 12.3 प्रतिशत या 13.7 प्रतिशत थी, जबकि सफ़ाई का काम न करने वाली महिलाओं में यही संख्या 9.6 प्रतिशत थी.

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इसलिए यहां पर हम यही सलाह देना चाहेंगे कि ख़तरनाक कैमिकलयुक्त क्लीनिंग स्प्रेज़ को इस्तेमाल करने से बचें. और जहां तक संभव हो ऐसे प्रोडक्ट्स का उपयोग करें जो कैमिकल फ़्री हों या फिर कोई दूसरा विकल ढूंढें. इसके अलावा अपने घर को हवादार बनाने की कोशिश करें ताकि आपके फेफड़ें हमेशा स्वस्थ रहें.