वैसे तो प्यार को बयां करने की कोई भाषा नहीं होती. फिर भी उर्दू की शायरियों से बयां किया गया प्यार थोड़ा वज़नी ज़रूर हो जाता है. इसके अलावा उर्दू किसी भी एहसास को बयां करने की सबसे अच्छी भाषा है और ये महसूस हुआ जब नौशाद अली की शायरियों से रू-ब-रू हुए.

नौशाद अली के शायरी के समंदर से कुछ शायरियां आपके सामने पेश हैं:

अगर दिल को छूकर निकल गई हैं ये शायरियां तो हमें कमेंट बॉक्स में बताइएगा ज़रूर.    

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