जब भी महात्मा गांधी का नाम लिया जाता है तो आप मन ही मन में अहिंसा, राष्ट्रपिता और आज़ादी के बारे में सोचने लगते हैं. क्रिकेट का ख़्याल तो दूर-दूर तक नहीं आता. लेकिन गांधी जी का क्रिकेट से भी नाता है. गांधी जी के इसी क्रिकेट कनेक्शन से जुड़े कुछ क़िस्से हम आपके लिए लेकर आए हैं.

1. Marylebone Cricket Club 

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ये इंग्लैंड का सबसे पुराना क्रिकेट क्लब है. Marylebone Cricket Club की स्थापना 1787 में हुई थी. क़रीब 100 साल तक इंग्लैंड की टीम इसी नाम से खेलती आई थी. 1933 में MCC की एक टीम अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की शुरुआत करने के उद्देश्य से भारत आई थी. तब फ़ेमस क्रिकेटर विजय मर्चेंट की बहन लक्ष्मी मर्चेंट ने टीम के सभी खिलाड़ियों का ऑटोग्राफ़ लिया था. इसके बाद वो महात्मा गांधी जी का ऑटोग्राफ़ लेने पहुंचीं. तो उन्होंने ऑटोग्राफ़ देते हुए “17. M K Gandhi” लिखा था. इस तरह गांधी जी ये बताना चाहते थे कि ब्रिटिश खिलाड़ियों से उनकी कोई दुश्मनी नहीं है बल्कि उनकी लड़ाई तो अत्याचारी ब्रिटिश शासकों से है. 

2. धार्मिक संप्रदायों के बीच होने वाले टूर्नामेंट को बंद करवाना 

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ब्रिटिश राज में क्रिकेट का सांप्रदायिक टूर्नामेंट हुआ करता था. इसमें यूरोपीय, हिंदु, मुस्लिम, पारसी और अन्य की टीम हिस्सा लिया करती थीं. 1940 में धर्म के आधार पर टूर्नामेंट खेले जाना का जमकर विरोध होने लगा था. तब हिंदुओं की टीम ने गांधी जी से इस संदर्भ में उनकी राय पूछी. गांधी जी इस बात से दुखी थे कि खिलाड़ियों को धर्म के आधार पर बांटा जाता है और एक प्रतियोगिता भी इसी आधार पर होती है. उनके इस विचार को जानने के बाद हिंदुओं ने इसमें हिस्सा लेना बंद कर दिया और आख़िरकार 1946 में ये टूर्नामेंट ही बंद हो गया. 

3. हिंदुओं के लिए सही कप्तान का चुनाव 

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बालू पालवणकर क्रिकेट खेलने वाले पहले दलित थे. लेकिन उन्हें अच्छा खेलने के बावजूद कभी हिंदुओं की टीम का कप्तान नहीं बनाया गया. वजह थी जाति व्यवस्था. उनके छोटे भाई विट्ठल पालवणकर भी अच्छे क्रिकेटर थे. गांधी जी ने अप्रत्यक्ष रूप से विट्ठल को हिंदुओं की टीम का पहला दलित कप्तान बनने में मदद की थी. दरअसल, 1923 में जब गांधी जी ने अस्पृश्यता के ख़िलाफ आंदोलन किया तब हिंदुओं की क्रिकेट टीम पर भी इसका असर हुआ. इसके कारण ही विट्ठल भाई को हिंदुओं की टीम की अगुआई करने का मौक़ा मिला था.