ज़िंदगी जीने के लिए काम तो हर कोई करता है, लेकिन कितने लोग वो काम करते हैं जिसे करने में मज़ा आए और घर भी चल जाए. कहीं न कहीं हम सब मन मसोस लेते हैं, लेकिन दीपिका म्हात्रे ऐसा नहीं करतीं.
43 साल की दीपिका म्हात्रे सुबह चार बजे उठती हैं और भाग दौड़ कर नाला सोपाडरा से मलाड के लिए मुंबई लोकल पकड़ती हैं. ट्रेन में सफ़र के दौरान वक्त का इस्तेमाल करने के लिए आर्टिफ़िशियल ज्वेलरी बेच लेती हैं. 6:30 बजे यात्रा की समाप्ती होती है, वहां से दीपिका पांच घरों में खाना बनाने जाती हैं.
इस बीच वक्त निकाल कर दीपिका स्टैंडअप भी करती हैं. दीपिका कोई पेशेवर कमीडियन नहीं हैं. अपने काम से वक्त निकाल कर ही वो मंच पर जाती हैं.
ऐसा वो अपने स्टैंडअप शो में भी बताती हैं, उनका जोक करने का तरीका भी अनोखा है. जैसे हर कमिडियन Maid Joke क्रैक करते हैं, दीपिका भी Maid Joke सुनाती हैं लेकिन उनका नज़रिया अलग होता है. उनके डार्क जोक्स में शिकायत नहीं होती लेकिन सुनने वाला असहज हो जाता है.
दीपिका कैसे बनी स्टैंड-अप कमीडियन?
दीपिका जहां काम करती थीं, उन्हीं में एक ने ‘बाई लोग’ नाम का एक टैलेंट शो ऑर्गनाइज़ किया. वहीं पर पहली बार दीपिका ने अपने जोक्स सुनाए थे, उस शो में मौजूद एक पत्रकार ने दीपिका के टैलेंट को पहचाना और प्रोफ़ेशनल कमीडियन अदिती मित्तल तक ये बात पहुंचाई. तभी से ये कारवां चल निकला…
इस बात को एक साल हो चुका है, दीपिका म्हात्रे आज भी घरों में काम करती हैं, ट्रेन में सामान बेचती हैं और शाम की फ़ुर्सत में स्टैंडअप शो करती हैं.
हालांकि दीपिका ने बुरे स्वास्थय के कारण घर में काम करना कम कर दिया, पति को अस्थमा की तकलीफ़ है तो घर चलाने की मजबूरी की वजह से काम पूरी तरह नहीं छोड़ सकती. दीपिका म्हात्रे के तीन बच्चे हैं जिनमें से सबसे बड़ी बेटी ने काम करना शुरू कर दिया है.
दीपिका म्हात्रे का इस उम्र में स्टैंडअप करना अपने आप में एक बड़ी बात है. ऊपर से, वो जिस परीवेश से आती हैं, उनका ये काम Stereotype Breaker है.