लेदर की जैकेट, हाई हील्स वाले बूट्स और हेल्मेट से ढका हुआ सिर.

ये है दिल्ली की हिजाबी बाइकर रोशनी मिस्बाह. दिल्ली की सड़कों पर अपनी बाइक से Vroom-Vroom करने वालों के लिए ये नाम नया नहीं है.

Honda CBR 250 cc चलाने वाली रोशनी, जामिया के अरब इस्लामिक कल्चर की स्टूडेंट है. जिस वक़्त ज़्यादातर लड़कियां Scooty चला रही होती हैं, उस वक़्त 9वीं क्लास में रोशनी ने अपनी पहली बाइक चलाई थी. वो कहती है कि बाइक चलाना उसका पैशन है, वो Scooty की जगह हमेशा से ही बाइक चलाना चाहती थी.

Bajaj Avenger Cruiser 220 उसकी पहली बाइक थी, जो उसने जामिया में एडमिशन लेते वक़्त ली थी. हाथ साफ़ करने के लिए वो एक दोस्त की बाइक चला रही थी. जितना पैशन रोशनी का बाइक के लिए है, उतनी ही मेहनत उसने अपनी पहली बाइक खरीदने के लिए की थी. फ़ैमिली बिज़नेस में हाथ बंटाने के अलावा उसने कुछ छोटी-मोटी पार्ट टाइम जॉब्स भी की, ताकि उन पैसों से अपने लिए बाइक ख़रीद सके. जो थोड़ी-बहुत कमी हुई, तो बाक़ी मदद उसके पापा ने कर दी.

एक बार बाइक का चस्का चढ़ने क्या लगा, रोशनी ने 5 महीनों में ही अपनी Avenger Cruiser को बाय-बाय बोल, Royal Enfield खरीद ली, क्योंकि उसे इसकी आवाज़ बहुत पसंद आयी थी. और फिर बात स्पोर्ट्स बाइक तक पहुंच गयी, तो उसने Honda CBR ख़रीद ली.

एक सवाल रोशनी से सभी ने पूछा होगा:

एक मुस्लिम परिवार से होने के बावजूद वो इतनी आसानी से बाइक कैसे चला लेती हैं?

रोशनी कहती है कि वो एक रूढ़िवादी मुस्लिम परिवार से है, लेकिन उसके पिता ने उसे अपने सपने पूरे करने से नहीं रोका. उसके रिश्तेदारों ने कई दफ़ा उनसे सवाल किये, कि वो अपनी बेटी को ऐसी आज़ादी क्यों दे रहे हैं, जिस पर रोशनी के पिता ने उसका पूरा साथ दिया.

अपने कल्चर और पैशन, दोनों को साथ लेकर चलने वाले रोशनी के कई फैन हैं. जब वो रोड से गुज़रती है, तो लड़कियां उससे हाथ मिलने को तैयार रहती हैं. लेकिन इस पॉपुलैरिटी के साथ-साथ उसे आलोचना का भी सामना करना पड़ा. उन लोगों से, जो ये कहते हैं कि वो बाइक और हिजाब एक साथ नहीं रख सकती.

इस पर रोशनी बड़ा लॉजिकल जवाब देती है, कि बाइक उसका पैशन है और हिजाब उसकी आस्था. वो दोनों को साथ लेकर चलती है और ऐसे ही कईयों के लिए प्रेरणा बनना चाहती है. ख़ासकर उन लड़कियों के लिए, जो समाज की सोच और अपने सपनों के बीच में फ़ैसले लेने में हिचकिचाती हैं.