2018 में हुए अंडर 19 क्रिकेट वर्ल्ड कप में भारत के जांबाज़ खिलाड़ियों ने जीत का सेहरा बांधते हुए चौथी बार ख़िताब पर कब्ज़ा किया. मीडिया से मुख़ातिब होते हुए अंडर 19 क्रिकेट टीम के कोच राहुल द्रविड़ ने भारत के इस जीत का श्रेय टीम की मेहनत और साथियों के सहयोग को दिया.

अंडर 19 क्रिकेट टीम की इस जीत पर BCCI की तरफ़ से भी हर खिलाड़ी के लिए 20 लाख रुपये और स्पोर्टिंग स्टाफ़ के लिए 30 लाख रुपये देने का ऐलान किया गया है. वहीं टीम के कोच राहुल द्रविड़ को 50 लाख रुपये देने की घोषणा की गई.

हालांकि टीम के कोच राहुल द्रविड़ BCCI के इस रवैये से खफ़ा दिखाई दिए. BCCI से सवाल करते हुए राहुल ने कहा कि ‘जब इंडिया की जीत में सभी सदस्यों ने बराबरी की भूमिका निभाई है, तो कैश प्राइज़ देते वक़्त भेदभाव क्यों?’

द्रविड़ इस बात से भी नाराज़ दिखे कि उन्हें अन्य साथियों की तुलना में ज़्यादा कैश क्यों दिया गया, जबकि उन्होंने भी उतनी ही मेहनत की, जितनी की बाकि साथियों ने. राहुल का ये सवाल दर्शाता है कि वो अपने साथियों के प्रति कितने सजग है और भेदभाव के ख़िलाफ़ हैं.

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न्यूज़ीलैंड से लौटने के बाद शनिवार को हुई प्रेस कांफ्रेंस में द्रविड़ ने कहा था कि ‘हिंदुस्तान की इस जीत में हर सदस्य ने अपनी भूमिका निभाई. इसमें वो लोग भी शामिल थे, जो मैदान से बाहर रह कर भी अपना काम बख़ूबी कर रहे थे.’

इसके साथ ही द्रविड़ ने कहा कि ‘मेरे लिए ये काफ़ी लज्जाजनक पल था, जब सभी को दरकिनार करके मीडिया द्वारा मुझे ही फ़ोकस किया जाने लगा. उन्हें समझना चाहिए कि हिंदुस्तान किसी एक शख़्स की वजह से नहीं, बल्कि एक टीम की वजह से वर्ल्ड कप जीता है. मैं किसी शख़्स का नाम नहीं लेना चाहता, क्योंकि हम सबने अपने बच्चों और देश की भलाई के लिए बराबर की मेहनत की है.’

ऐसा पहली बार नहीं है, जब द्रविड़ का उदार रूप लोगों को देखने को मिला है. इससे पहले 2017 में भी द्रविड़ ने IPL के बजाय इंडियन जूनियर और A टीम का कोच बनने का फ़ैसला लिया था.