बचपन में हमारा हाथ थामने वाले, हमारे पहले कदम पर सबसे ज्यादा खुश होने वाले, साइकिल सीखते वक्त पीछे से पकड़े वो हाथ हमारे माता-पिता के ही होते हैं. हमारी हर खुशी में उनका ही योगदान होता है. लेकिन एक समय के बाद हमारे अपनों को भी जरूरत होती है बस एक स्पर्श की. जिंदगी के हर नए पल में आपको नई सीख देते आपके माता-पिता बस आपसे केवल एक अहसास की उम्मीद ही तो रखते हैं.

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