ठंडी आ गई है. ऐसे में हम सभी गर्मा-गरम कॉफ़ी सुड़कना चाहते हैं. कॉफ़ी की क्वालिटी जितनी अच्छी हो, टेस्ट उतना ही बढ़िया रहता है. स्वास्थ के लिहाज़ से कॉफ़ी पीना बहुत फायदेमंद रहता है. लेकिन कुछ चीज़ें खाने-पीने में जितनी स्वादिष्ट लगती हैं, देखने में उतनी ही बुरी होती हैं. कुछ ऐसा ही हाल ‘ब्लैक आइवरी ब्लेंड’ कॉफ़ी का है. उत्तरी थाइलैंड में बनाई जाने वाली ये कॉफ़ी दरअसल हाथी की पॉटी यानी लीद में शामिल बीजों से तैयार होती है. एक किलोग्राम कॉफ़ी की कीमत है करीब 1,100 डॉलर (67,100) रुपए. आपको बता दें कि यह दुनिया की सबसे महंगी कॉफ़ी ब्लेंड्स में से एक है. लेकिन यह बहुत ही अलग तरीक़े से बनती है जिसे हम तस्वीरों में देख सकते हैं.

1. पहले हाथियों को कॉफ़ी की फली यानी बीज खिलाए जाते हैं. हाथी कच्ची फलियां खाते हैं, उसे पचाते हैं और लीद गिरा देते हैं.

2. एक किलो कॉफ़ी प्राप्त करने के लिए एक हाथी को लगभग 33 किलो कॉफ़ी के कच्चे फल खिलाए जाते हैं.

3. हाथी की लीद से बीज निकालने का काम हाथियों के प्रशिक्षित ट्रेनर करते हैं. बीज निकालने के बाद उन्हें धूप में सुखाया जाता है और पीस कर पाउडर बनाया जाता है.

4. खास बात ये है कि इस कॉफ़ी में कड़वापन बिलकुल नहीं होता.

5. पाचन क्रिया के दौरान हाथी के एन्ज़ाइम कॉफ़ी के प्रोटीन को तोड़ देते हैं. प्रोटीन टूटने के साथ ही कॉफ़ी का कड़वापन लगभग ख़त्म हो जाता है.

6.इसके अलावा हाथी केला, गन्ना एवं अन्य फलों को भी खाता है, जिसके कारण कॉफ़ी में फलों की गंध भी मिल जाती है. और इस तरह से दुनिया की सबसे महंगी कॉफ़ी में से एक ये कॉफ़ी तैयार हो जाती है.

एक कहावत है कि जो चीज़ें जितनी सुंदर होती हैं, उसे बनाने की प्रक्रियाएं और भी कठीन होती हैं. ‘ब्लैक आइवरी ब्लेंड’ की कॉफ़ी को बनाने के लिए कई प्रक्रियाओं का सहारा लेना पड़ता है. आप इस आर्टिकल को अपने दोस्तों को ज़रूर शेयर करें.