दुनिया में चाहे वो कोई भी खेल हो उसे खेलने वाले कहीं न कहीं से आ ही जाते हैं. चाहे वो सहारा के रेगिस्तान में खेला जाता रहा हो या फिर साइबेरिया की बर्फीली घाटियों में, मगर इन तमाम खेलों को लेकर हमारे दिल में एक फांस फंसी रहती है कि फलां खेल कहां शुरू हुआ था और ढिमका खेल सबसे पहले किसके द्वारा और किनके बीच खेला गया था. तो भैया हम आपकी इन सहज जिज्ञासाओं के समाधान हेतु कुछ जानकारियां लाए हैं. हो सकता है कि इनमें से कुछ आप जान रहे हों और कुछ जानकारियां आपके लिए बिलकुल नई होंगी. तो फिर लीजिए इनका मज़ा…
क्रिकेट…
क्रिकेट जिसे भद्रजनों का खेल कहा जाता है, क्रिकेट जिसे भारतीय उपमहाद्वीप ने इस कदर आत्मसात कर लिया है कि यह एशिया की ही उत्पत्ति लगने लगता है. क्रिकेट जिसे लेकर हर भारतीय क्रिकेट प्रेमी के पास उसकी अलहदा कहानियां हैं. कुछ खेलने की हैं, कुछ देखने की हैं तो कुछ रेडियो पर सुनने की भी हैं. फ्रांस की कॉलोनियों जो कभी इंग्लैंड का हिस्सा हुआ करती थी से निकल कर क्रिकेट आज न जाने कितने लोगों के दिलों की धड़कन में बदल गया. न जाने कितने लोगों के लिए ख़ुशी और गम का सबब भी बना. इतिहासकारों की मानें तो यह फ्रांस से निकल कर इंग्लैंड के रास्ते भारतीय उपमहाद्वीप की गलियों-खेतों-खलिहानों तक पहुंच गया. अब इसकी उत्पत्ति को लेकर चाहे कोई भी दावा करे, मगर यह खेल अब पूरी तरह भारतीय रंग में रंग गया है.
हॉकी…
हॉकी एक ऐसा खेल है जिसके इर्द-गिर्द हमारे पुरखों की ज़िंदगियां बीती हैं. जिसके इर्द-गिर्द उनके पास न जाने कितने किस्से और कहानियां थीं. पूरी रात खत्म हो जाया करती थी मगर उनकी कहानियां नहीं. ध्यानचंद ऐसे खेला करते थे, ध्यानचंद ने फलां ओलम्पिक्स में क्रिकेट के बढ़ते स्कोर की तरह गोल दागे थे. उनकी हॉकी स्टिक में चुंबक के अफ़वाह को लेकर हॉकी स्टिक का लैब टेस्ट हुआ था. 17 वीं शताब्दी के दौरान फ्रांस के गड़रियों के बीच खेला जाने वाला और शुरू किया गया यह खेल आज दुनिया के सबसे तेज़ और चर्चित खेलों में से एक है.
फुटबॉल…
दुनिया में कोई एक खेल जिसे खेलने वाले और चाहने वाले सबसे अधिक हैं और इसे खेलने वाले स्टार्स की किसी देवता की तरह पूजा करते हैं तो वह खेल फुटबॉल ही होगा. जिसे खेलने के लिए सामान्य सुविधाओं की भी ज़रूरत नहीं होती. बस एक अदद गेंद ले ली और हो गए शुरू. फुटबॉल का इतिहास ईसा से भी पुराना माना जाता है. फुटबॉल मजदूरों और अलग-अलग देशों के सैनिकों के बीच सामान्य रूप से पॉपुलर रहा है. फुटबॉल जापान से लेकर ग्रीस तक में अलग-अलग नामों से खेला जाता रहा है और इसके चाहने वाले तो दिन दूने-रात चौगुने बढ़ते रहे हैं.
टेबल टेनिस…
टेबल टेनिस जिसे चीन में पिग-पांग के नाम से जाना जाता है और यह चीनवासियों के बीच सबसे ज़्यादा और पसंद किया जाने वाला खेल है. मगर आपको यहां भी यह बात जान कर हैरानी होगी कि इस खेल की शुरुआत भी इंग्लैंड द्वारा की गई है. जहां इंग्लैंड के संभ्रांत लोग रात्रिभोज के बाद मनबहलाव हेतु इसे खेला करते थे. एक गेंद, लकड़ी के पैड और एक कार्डबोर्ड जिसके बीच में नेट लगा होता है पर खेला जाने वाला खेल इसके सटीकपने और तेज़ी के लिए पूरी दुनिया में मशहूर है.
बैडमिंटन…
इस खेल का नाम आते ही हर भारतीय के दिमाग में फिलवक्त सायना नेहवाल का नाम कौंधता है, मगर उनसे पहले भी भारत के इस खेल में कई हीरो रहे हैं. पुलेला गोपीचंद, प्रकाश पादुकोण, अपर्णा पोपट और ज्वाला गुट्टा उनमें से प्रमुख हैं. आपको इस बात को जान कर शायद ही आश्चर्य हो कि इस खेल के केन्द्र में भी इंग्लैंड है. हालांकि इस खेल के शुरुआती तार जापान और भारत के तमिलनाडु प्रांत से भी जुड़ते हैं.
कबड्डी…
कबड्डी एक ऐसा खेल है जिसकी शुरुआती तार प्राचीन भारत से जुड़ते हैं. कबड्डी जिसे भारत के अलग-अलग प्रांतों में अलग-अलग नाम से जाना जाता है. कहीं इसे हूतूतू कहा जाता है तो कहीं सदूगुदू तो कहीं चेदूगुदू. मगर नाम बदलने के बावजूद यह खेल इसकी मूलभावना में बिल्कुल वैसा ही बना रहता है. आज हमारा देशी खेल कबड्डी भी हाइटेक हो गया है और इसमें भी दूसरे खेलों की तरह प्रीमियम लीग्स का आयोजन हो रहा है. अब हम तो बस यही उम्मीद करते हैं कि हमारा देशी कबड्डी ग्लोबल हो जाए…
कुश्ती-पहलवानी…
कुश्ती और पहलवानी कमोबेश एक ही खेल है. एक बांका पहलवान कुश्ती के खेल के लिए ख़ुद को तैयार करता है. इस खेल को बरतने वाले लोग अमूमन पहलवान के नाम से जाने जाते हैं. ऐसा माना जाता रहा है कि मुगल काल में मल्ल युद्ध और फारस के कोश्ती पहलवानी का मिश्रित स्वरूप ही आज भारत में कुश्ती के नाम से मशहूर है. गर इतिहासकारों की माने तो इस खेल को ईसा से 5 सदी पूर्व भी खेला जाता था और तेरहवीं सदी के मल्ल पुराण में इसे लेकर काफ़ी कुछ लिखा गया है.
बॉक्सिंग…
बॉक्सिंग को यदि सबसे हिंसक खेलों में शुमार किया जाए तो यह अतिशयोक्ति तो नहीं ही होगी. बॉक्सिंग जो कभी खुले हाथों से की जाती थी. बॉक्सिंग जो किसी जमाने का सबसे हिंसक खेल था. बॉक्सिंग जो समय बीतने के साथ-साथ थोड़ा परिमार्जित और पॉपुलर होता गया. जिसके हीरोज़ के इर्द-गिर्द न जाने कितनी मिथकीय कहानियां गढ़ी गईं. बॉक्सिंग के इतिहास पर गर नज़र डालें तो यह ईसा से भी सात सदी पुराना खेल है. अब तो आप समझ ही गए होंगे कि पूरी दुनिया इस खेल की क्यों दीवानी है.
तो भैया ये तो हुई खेलों के उद्गम और शुरुआत की बात, और जो इन खेलों के उद्गम की खॉबरों से आप लाभान्वित हुए हों तो कृपया इसे अपने अन्य साथियों तक पहुंचावें…