जब भी किसी बच्ची, लड़की या औरत की इज़्ज़त को सरेआम लूट लिया जाता है, तब औरतों की सुरक्षा, रक्षा, आदि चौपालों और चाय की दुकानों से लेकर न्यूज़रूम तक में चर्चा का विषय बन जाते हैं. फिर अगले ही रोज़ कोई नई घटना घट जाती है और हम बलात्कार, शोषण आदि की घटनाओं को भूल जाते हैं. कुछ नहीं बदलता तो वो है, मनचलों की आदतें. कुछ नहीं टूटता तो वो हैं दुराचारियों की हिम्मत.

दिल्ली मेट्रो… समय बचाती है और एसी का मज़ा अलग. सुरक्षा की सारी व्यवस्थाओं से लैस दिल्ली मेट्रो दिल्ली की लाइफ़लाइन है. ठीक वैसे ही जैसे मुंबई की लाइफ़लाइन है मुंबई की लोकल ट्रेनें.
सवाल ये है कि दिल्ली मेट्रो कितनी सुरक्षित है? मेघा का Twitter Thread पढ़ने के बाद आप भी सोच में पड़ जायेंगे.

BITS पिलानी की छात्रा मेघा रविवार को लगभग 6 महीने बाद दिल्ली मेट्रो पर सवार हुईं थी, पर उनके साथ जो हुआ, वो रौंगटे खड़े कर देने वाला था.
नमस्कार सहेलियों! अगर आपको लगता है कि आप दिल्ली मेट्रो में सुरक्षित हैं, तो ये आपकी गलतफ़हमी है. मैं बताती हूं कैसे?
Hey ladies, you’re not safe at ALL in a metro or metro stations. I’ll tell you how.
— Megha (@Omeghaa_) May 28, 2017
एक आदमी मेरा पीछा कर रहा था, सिर्फ़ 20 मिनट पहले. लगभग 8 बजे. रविवार रात को. काफ़ी नॉर्मल है ना ये?
A man followed me in the metro today. Mind you, 20 mins back. That is 8 pm. On a Sunday. Pretty normal right?
— Megha (@Omeghaa_) May 28, 2017
वो आदमी पूरे सफ़र में मेरे पास ही खड़ा था. ये भी काफ़ी नॉर्मल है, क्योंकि बहुत से लोग एक ही रास्ते पर सफ़र करते हैं. किसी पर भी शक़ नहीं किया जा सकता न?
A man followed me in the metro today. Mind you, 20 mins back. That is 8 pm. On a Sunday. Pretty normal right?
— Megha (@Omeghaa_) May 28, 2017
मैं गोल्फ़ कोर्स मेट्रो स्टेशन पर उतर गई. वो आदमी मेरे पास ही खड़ा था और फ़ोन पर किसी से बात करने का नाटक कर रहा था. मैं अपने माता-पिता का इंतज़ार कर रही थी.
Stood near me in the metro on my route. Seemed pretty normal. A LOT of people take the same route. It’s not fair to pin point anyone.
— Megha (@Omeghaa_) May 28, 2017
वो आदमी मेरी बातें सुनने की कोशिश कर रहा था कि मैं अपने पापा से क्या बातें कर रही हूं और कहां जा रही हूं. मुझे लगा कि ये नॉर्मल नहीं है और मैंने Earphone लगा लिए.
Got off at the Golt Course metro station. Stood nearby, while pretending to talk on the phone with somebody. I was waiting for parents.
— Megha (@Omeghaa_) May 28, 2017
मैं माइक पर धीरे-धीरे बात करने लगी. वो आदमी मेरे चारों तरफ़ घूमने लगा. मैंने अपने पापा को देखा और मैं चलने लगी. वहां पर कोई सिक्योरिटी नहीं थी.
Tried to listen to my conversations with father to know where I was going. I sensed something was fishy and immidiately put on earphones
— Megha (@Omeghaa_) May 28, 2017
मैं उस व्यक्ति पर जानबूझ कर आरोप नहीं लगाना चाहती थी. इसीलिये मेट्रो से निकलते वक़्त मैं रुक-रुक के चल रही थी. मैं जहां रुक रही थी, वो भी मेरे साथ रुक रहा था. मैं पापा की कार की तरफ़ दौड़ने लगी, तो उसने मुझे धक्का देने की कोशिश की.
And started talking silently in the mic. He starts circling me. I see my father arrive and I start walking down. Mind you, no security.
— Megha (@Omeghaa_) May 28, 2017
सीढ़ीयां ख़त्म होती हैं, वहीं एक अंधेरे कोने में मैंने उसे ढकेलने का प्रयास किया और चांटे मारे. मैंने हल्ला मचाया और उसे रुकने को कहा, ताकि मैं उसे पकड़ सकूं.
Into a shady corner at the end of the staircase. I push him away, slap him.And make a LOT of noise. I ask him to stop and so I can catch him
— Megha (@Omeghaa_) May 28, 2017
मैंने देखा कि सिक्योरिटी गार्ड पनवाड़ी की दुकान पर आराम से कुछ लोगों से बातें कर रहा था. पर उस आदमी को पकड़ने के लिये कोई अपनी जगह से हिला तक नहीं.
A security guard is happily talking to people near panwari while this happens. Nobody runs to catch him. None. Nada. Cipher.
— Megha (@Omeghaa_) May 28, 2017
मेरे पापा ने ये सब देखा. वो कार से निकले और उस आदमी को पकड़ने के लिए दौड़े. सभी मूक दर्शक बन, तमाशा देख रहे थे. सबने चौंकने का नाटक किया. जैसे उन्हें कुछ पता ही न हो.
My father sees this. Gets out of the car and runs behind the man. Everybody enjoys the show. Happily and acts surprised. Mind you: only act.
— Megha (@Omeghaa_) May 28, 2017
सबसे मज़े की बात: गार्ड ने मेरे पास आकर कहा: ‘मैडम हमें क्यों नहीं बताया?’. मेरे इतनी ज़ोर से चिल्लाने के बावजूद.
Funiest part: Guard comes to me and says ‘madame hume kyu ni bataya’. After I shouted my guts out. The audacity.
— Megha (@Omeghaa_) May 28, 2017
दूसरे लोग: मैडम ये करती, वो करती.
बेवकूफ़ों! जब किसी पर हमला होता है, तो उसके सोचने-समझने की शक्ति ख़त्म हो जाती है. मेरे से जो भी हो सकता था मैंने किया.
Other people: Madame ye krtin, wo kartin.
You losers, when somebody attacks you: you can’t think. I did the best I could.— Megha (@Omeghaa_) May 28, 2017
मैंने साल भर पहले शहर छोड़ दिया. अच्छा हुआ कि छोड़ दिया. पिछले 6 महीनों में मैंने पहली बार मेट्रो ली और मैं बहुत ज़्यादा दुखी हूं.
Moved out of this city an year back. I thank my starts I did. This has been the first time I’ve taken a metro in last six months and I’m sad
— Megha (@Omeghaa_) May 28, 2017
दोस्तों! आप सेफ़ नहीं हो. आपकी मदद आप ख़ुद कर सकते हो. क्योंकि पुलिस और सिक्योरिटी भ्रम है और कुछ नहीं.
So yes, ladies. You’re not safe. Not even close. You’re on your own and there are creeps ready to grope you. Police and security mean shit.
— Megha (@Omeghaa_) May 28, 2017
सुरक्षित रहें. विपरीत परिस्थितियों में जल्दी से सोचें. आस-पास की गतिविधियों पर ध्यान दें.
So yes, ladies. You’re not safe. Not even close. You’re on your own and there are creeps ready to grope you. Police and security mean shit.
— Megha (@Omeghaa_) May 28, 2017
आख़िर में: मैं डरी नहीं हूं पर इस घटना ने मुझे झकझोर दिया है. हम औरतें ऐसी हरकतें Deserve नहीं करतीं.
End note: I’m shaken. Not scared. Only and only angry. Women deserve better.
— Megha (@Omeghaa_) May 28, 2017
ऐसी कई घटनायें आपके साथ भी घटी होंगी. चुप बैठने से जख़्म नासूर बन जाता है. बेहतर हो कि मुंहतोड़ जवाब दिया जाये.
Source: Story Pick