कोलकाता के एक स्कूल की लड़कियों ने मनचलों को ऐसा करारा सबक सिखाया है कि वो ज़िन्दगी भर भूल नहीं पाएंगे. लड़कियों ने मिल कर पहले उन्हें खूब पीटा और फिर घसीट कर थाने ले गयीं. छेड़खानी कर रहे चारों आरोपी एक निजी आयुर्वेदिक कॉलेज के छात्र हैं.

दर्ज की गयी रिपोर्ट के मुताबिक़, चारों आरोपी काकीनारा राथताला इलाके में किराये के मकान में रहते हैं. ये चारों रोज़ वहां की लड़कियों को छेड़ते थे. वो ज़्यादातर स्कूल की लड़कियों को अपना निशाना बनाते थे. वो लड़कियों को अश्लील इशारे कर के परेशान करते थे.

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कई दिनों तक ये सब झेलते हुए लड़कियां तंग आ गई थीं. मंगलवार को जब ये मनचले तीन लड़कियों पर फब्तियां कसते हुए अश्लील इशारे करने लगे, तो लड़कियों ने चुप रहने के बजाय उन्हें सबक सिखाने का फैसला किया.

लड़कियों ने विरोध जताया, तो वो बदमाश उन्हें धमकाने लगे. ये देख कर आस-पास की लड़कियां और महिलाऐं अपने घरों से बाहर निकल आईं. सबने जमकर आरोपियों की पिटाई की और फिर उन्हें थाने ले गयीं. पुलिस ने चारों आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है, अब आरोपियों को कोर्ट में पेश किया जायेगा.

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अकसर लड़कियों के साथ छेड़खानी की घटनाएं होती रहती हैं, ख़ास कर घर से बाहर पढ़ने जाने वाली या काम करने वाली लड़कियों के साथ. पब्लिक ट्रांसपोर्ट में सफ़र करने वाली लड़कियों को पता होगा कि भीड़ का फायदा उठाते हुए कुछ दरिन्दे कैसे उन्हें छूने की कोशिश करते हैं, हर लड़की ने महसूस किया होगा कि जब उन पर फब्तियां कसी जाती हैं तो कैसा लगता है, कभी कोई अश्लील इशारे कर के निकल जाता है तो कैसी बेबसी होती है.

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ज़ाहिर है, सिर्फ एक लड़की होने की वजह से, हर रोज़ ये सब सहना अच्छा तो नहीं लगता होगा, पर ये भी सच है कि ज़्यादातर समय लड़कियां भी विरोध करने के बजाय, इन बातों को अनदेखा कर देना ही बेहतर समझती हैं. खैर, उन्हें सिखाया भी यही जाता है. अकसर मां-बाप, उनके भाई, यहां तक की उनके बॉयफ्रेंड भी उनसे इस तरह की बातें कहते हैं,

‘लड़के तो होते ही ऐसे हैं, किस-किस के मुंह लगोगी?’

‘कोई कुछ कहे तो अनदेखा कर के चुप-चाप घर आ जाया करो, ऐसे किया करो कि तुमने कुछ सुना ही नहीं.’

‘कोई ज़रूरत नहीं है जवाब देने की. ज़माना बहुत ख़राब है, किसी ने कुछ करवा दिया तो क्या कर लोगी?’

‘ऐसी बातों को अनदेखा कर देने में ही भलाई है.’

भाई, प्रेमी, पति यानि खुद को लड़की का रक्षक समझने वाले कहते हैं कि ऐसा कुछ तुम्हारे साथ हो, तो तुम्हें कुछ करने की ज़रूरत नहीं है, तुम हमें बताओ, हम देख लेंगे.

अरे भाईसाहब! क्या आप खोज के सबक सिखा लेंगे उसको जो भीड़ में उस लड़की को गलत तरह से छू कर अगले मेट्रो स्टेशन या बस स्टैंड पर उतर जाता है? जाते-जाते लड़की को ऐसे मुस्कुरा कर देखता है वो, मानो कह रहा हो…करती रह गुस्सा, मुझे भी पता है, तेरा कोई भी रक्षक मुझे ढूंढ के सबक सिखाने नहीं आने वाला है. हमें लगता है, इन चीज़ों की अनदेखी कर के हम खुद को बचा रहे हैं. जी नहीं, हम खुद को नहीं, ऐसे मनचलों के उस विश्वास को बचा रहे हैं, जो इन्हें खुले आम ये सब करते रहने की हिम्मत देता है. हम बचा रहे हैं इन लड़कों की इस सोच को कि क्या कर लेगी ये लड़की हमारा? अरे कुछ नहीं बोलेगी, गुस्सा पी जाएगी चुप-चाप. मां-बाप ने इतना सिखाया ही होगा इसे कि अनदेखा करना है, जवाब नहीं देते. सह जाना है, विरोध नहीं करते.

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ये सब झेलती आ रही हर लड़की से, उसके समझदार मां-बाप से, उसके सियाने भाइयों से और सभी Protective Boyfriends से इतनी ही दरख्वास्त करूंगी कि इस बात को समझें कि समस्या को अनदेखा कर देना उसका स्थायी समाधान नहीं होता. अब अपनी बहनों, बेटियों और प्रेमिकाओं को मुंह तोड़ जवाब देना सिखाना. उन्हें गलत को अनदेखा करने वाली कमज़ोर लड़की नहीं, गलत को सबक सिखा देने वाली मज़बूत लड़की बनाना.

लड़कियों से ये कहना है कि पब्लिक ट्रांसपोर्ट के उस Molestor को सबक सिर्फ तुम सिखा सकती हो, तुम किसी पर आश्रित नहीं हो गलत का विरोध करने के लिए. कम से कम आवाज़ तो उठाओ. ये सब अगर पब्लिक प्लेस पर हो, तब तो विरोध करने से पहले एक बार भी न सोचना. ये रक्षक प्रजाति के लोग, तुम्हारे आस-पास ही होंगे न वहां, तुम्हारे जैसी लड़कियां भी तो होंगी न वहां. रक्षक प्रजाति के सभी मर्द (पिता, भाई, पति, बॉयफ्रेंड) आप उस वक़्त हिम्मत करने वाली उस लड़की के साथ खड़े होना, आपके घर की लड़कियों के लिए भी कोई पिता कोई भाई खड़ा होने लगेगा. जिस दिन छेड़खानी करने वालों के मन में ये डर आ जायेगा कि अगर मैंने किसी लड़की को छूने की कोशिश की, तो वो पलट कर उसी भीड़ में मुझे थप्पड़ भी मार सकती है, जिसका फायदा उठा के मैं उसे छूने की कोशिश कर रहा था, उसी दिन आपकी बहन, आपकी बेटी और आपकी बीवी के मन से भी ये डर निकल जायेगा कि कोई उसे छेड़ सकता है. छेड़खानी करने वालों के मन में डर पैदा करो, न कि इसे झेल रही लड़कियों के मन में. अबकी बार अपने सामने ऐसा कुछ होते हुए देखो, तो अनदेखा मत करना, ऐसा जवाब देना कि वो मनचला फिर जब किसी लड़की को छेड़ने जाये, तो उसे अपना हश्र ज़रूर याद आये.

कोलकाता की इन लड़कियों ने भी यही किया. इस बात में कोई शक़ नहीं है कि एक बार विरोध कर के, इन लड़कियों ने छेड़खानी करने वाले लड़कों को उम्र भर का सबक दे दिया है. ये भी अगर चुप रह गयी होतीं या अन्य लोग मदद को आगे न आये होते, तो इन मनचलों की हिम्मत बढ़ती रहती और ये सब जारी रहता.

Feature Image: Midday