भारत में टैलेंट की कोई कमी नहीं है. देश के युवाओं को बस एक सही मौके की तलाश होती है. अगर सही समय पर इन चाइल्ड प्रोडिजीज़ को मौका मिल जाये तो हिन्दुस्तान कहां से कहां पहुंच सकता है. लेकिन हमारे देश की शिक्षा प्रणाली इतनी कमज़ोर है कि ख़ास तरह की प्रतिभा वाले ये छात्र कहीं अंधेरे में गुम हो जाते हैं. 

पिछले एक दशक में हमारे सामने कई ऐसे प्रतिभावान छात्र सामने आए हैं, जिन्होंने कई तरह की मुश्किलों का सामना कर दुनियाभर में भारत का नाम रौशन किया. 

आज हम आपको भारत के 10 ऐसे ही प्रतिभावान छात्रों से रू-ब-रू कराने जा रहे हैं, जिन्होंने अपनी एक ख़ास स्किल के कारण ‘गिनीज़ बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स’ में अपना नाम दर्ज़ कराया है.  

1- नीलकंठ भानु प्रकाश 

हैदराबाद के रहने वाले दिल्ली के सेंट स्टीफन कॉलेज में गणित के छात्र नीलकंठ भानु प्रकाश ने शकुंतला देवी का रिकॉर्ड तोड़ते हुए दुनिया के सबसे तेज़ ‘ह्यूमन कैलकुलेटर’ का ख़िताब जीता है. 20 वर्षीय नीलकंठ ने लंदन में आयोजित ‘माइंड स्पोर्ट्स ओलंपियाड’ के दौरान ‘मेंटल कैलकुलेशन वर्ल्ड चैंपियनशिप 2020’ में भारत के लिए पहला गोल्ड मेडल जीता. 

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2- कौटिल्य पंडित 

भारत में ‘गूगल ब्वॉय’ के नाम से मशहूर कौटिल्य पंडित का IQ लेवल 130 के क़रीब बताया जाता है. इस उम्र में इतना IQ लेवल शायद 100 में से किसी 1 को ही मिलता है. कौटिल्य को विदेश में 3 और देश में 400 से अधिक अवॉर्ड मिल चुके हैं. साल 2020-21 के लिए कौटिल्य को’ ग्लोबल चाइल्ड प्रोडिजी’ अवार्ड से नवाजा जाएगा. ये अवार्ड यूएसए, यूके, जर्मनी, ईरान, एशिया, जापान, साउथ कोरिया आदि 30 देशों के 100 जीनियस बच्चों को दिया जाएगा. 

3- तथागत अवतार तुलसी 

बिहार का ‘वंडर ब्वॉय’ डॉ. तथागत अवतार तुलसी ने महज 9 साल की उम्र में 10वीं, 11 साल की उम्र में बीएससी, 12 साल की उम्र में एमएससी और 21 साल की उम्र में पीएचडी कर लिए थी. इसके बाद 22 साल की उम्र में तुलसी को ‘आईआईटी बॉम्बे’ मे प्रोफ़ेसर की नौकरी मिल गई थी. 

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4- प्रियांशी सोमानी 

11 साल की प्रियांशी सोमानी पलक झपकते ही नंबरों को कैलकुलेट करने में वर्ल्ड रिकॉर्ड अपने नाम कर चुकी हैं. प्रियांशी 2010 में आयोजित मानसिक गणना विश्व कप की विजेता भी रह चुकी हैं. प्रियांशी गिनीज़ बुक ऑफ़ वर्ल्ड रेकॉर्ड्स और लिम्का बुक ऑफ़ वर्ल्ड रेकॉर्ड्स में अपना नाम दर्ज करा चुकी हैं. 

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5- साद नासिर 

बेंगलुरु के चाइल्ड प्रोडिजी साद नासिर भारत के सबसे कम उम्र के इंजीनियर हैं. साद ने 5 साल की उम्र में अपने पिता की जावा प्रोग्रामिंग की पूरी क़िताब जबकि 7 साल की उम्र में C ++ की पूरी क़िताब पढ़ डाली थी. साद ने ख़ुद के दम पर व्हीकल स्टार्ट-अप ‘Ati Motors’ की स्थापना की है. 

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6- काश्मिया वाही 

भारतीय मूल की काश्मिया वाही ने साल 2016 में ब्रिटेन में मेनसा के IQ Exam में 100 फ़ीसदी अंक लाकर कमाल कर दिया था. इस परीक्षा में काश्मिया ने 162 में 162 नंबर लाकर पूरी दुनिया को हैरान कर दिया था. ये कारनामा कर काश्मिया ने अपना नाम अल्बर्ट आइंस्टीन और स्टीफ़न हॉकिन्स की श्रेणी में दर्ज कराया. माना जाता है कि आइंस्टीन और हॉकिंस का आईक्यू भी 160 था. 

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7- राघव सूद 

राघव सूद ने 9 साल की उम्र में ख़ुद ही एचटीएमएल, सीएसएस और जावास्क्रिप्ट पढ़कर वेबसाइट डेवलप कर ली थी. 15 साल की उम्र तक राघव ने कई एंड्रॉइड और ब्लैकबेरी ऐप पर सबसे कम उम्र में क़िताब लिखने का रिकॉर्ड अपने नाम दर्ज किया है. Appaholics LLC के संस्थापक और सीईओ राघव सूद की कंपनी अमेरिका में रजिस्टर्ड है. 

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8- रिफ़त शरूक   

तमिलनाडु के पल्लापत्ती में रहने वाले 18 वर्षीय रिफ़त शारूक ने दुनिया का सबसे छोटा सैटेलाइट बनाया है. 64 ग्राम के इस सैटेलाइट को उन्होंने ‘कलाम सैट’ नाम दिया है. इस सैटेलाइट को बनाने में 2 साल लगे और 1 लाख रुपए का ख़र्चा आया है. इस सैटेलाइट का लक्ष्य 3D प्रिटेंड कार्बन फ़ाइबर के परफॉमेंस को प्रदर्शित करना और तापमान व रेडिएशन को रिकॉर्ड करना होगा. 

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9- नादुब गिल 

इंग्लैंड में रहने वाले भारतीय मूल के 10 वर्षीय नादुब गिल ने 1 मिनट में मेथ्स के 196 सवाल को हल कर ‘गिनीज़ बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में अपना नाम दर्ज कराया है. नादुब ने ‘टाइम्स टेबल्स रॉक स्टार्स’ का उपयोग करते हुए आश्चर्यजनक रूप से 1 मिनट में 196 गुणा और विभाजन प्रश्नों के सही उत्तर दिए. इस हिसाब से प्रति सेकंड 3 से अधिक सही उत्तर दिए. 

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10- इरफ़ान 

राजस्थान के दूदू निवासी इरफ़ान अपनी एक स्पेशल स्किल के कारण ‘सुपरहुमन’ कहे जाते हैं. सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो के अनुसार इरफ़ान कभी स्कूल नहीं गया, लेकिन वो सेकंड के भीतर बड़ी से बड़ी संख्या को गुणा कर सेकंड में उसका जवाब दे देता है. इरफ़ान का नाम ‘गिनीज़ बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स’ में दर्ज है.

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