भारत में एक राजनेता की लोकप्रियता इस बात पर निर्भर नहीं करती कि उसने जनता के लिए क्या काम किया है या फिर वो कितना पढ़ा-लिखा है या उसकी छवि कैसी है. निर्भर ये करता है कि उस नेता ने, मीडिया के सामने किस हद की बकवास की है. क्या है न, कुछ भी विवादस्पद कह दो, जनता की नज़रों में आ जाओ और फिर ये कह कर मुकर जाओ कि मेरे शब्दों को तोड़ा-मरोड़ा जा रहा है. लेकिन आज कल सोशल मीडिया की वजह से लोग जागरूक हो रहे हैं. कोई भी नेता अगर कोई विवादस्पद बात कहता है तो उसकी निंदा होने में समय नहीं लगता. आज के दौर में जब महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान के बारे में बातें हो रही हैं, उस समय कुछ नेता बहुत ही ओछी बातें कर देते हैं. देखते हैं ये कौन-कौन से नेता हैं.
1. ओम प्रकाश चौटाला, हरयाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ने रेप से बचने के लिए लड़कियों की कम उम्र में शादी कराने की बात कही.
और लड़की का क्या? उसकी मर्ज़ी पूछी भी जायेगी क्या?
2. जीतेन्दर छत्तर, हरयाणा की एक खाप पंचायत के लीडर का मानना है कि रेप चाऊमीन खाने से होते हैं.
ऐसा होता तो इस देश के आधे से ज़्यादा लोग बलात्कारी होते.
3. मुलायम सिंह यादव, जैसा देखते हैं वैसे ही कह देते हैं
सुंदरता से तरक्की का क्या ताल्लुक?
4. शरद यादव तो राज्य सभा में सुंदरता के मापदंड परखने लगे
लगता है अगले मिस वर्ल्ड में ये जज बनने जा रहे हैं.
5. CPI के नेता अनिसुर रेहमान ने तो ममता बैनर्जी को ही ऑफर दे डाला
ऐसे तो बद्तमीज़ मंत्री हैं हमारे देश में.
6. सांसद संजय निरुपम ने, स्मृति ईरानी को फ़्री में ये बेतुकी सलाह दे दी
तभी तो आज स्मृति ईरानी मानव संसाधन विकास मंत्री हैं.
7. श्रीप्रकाश जैसवाल, कांग्रेस के सांसद, की सोच निराली है
इनकी बीवी को पता है कि इन्होनें ऐसा कुछ कहा है.
8. भाजपा के सांसद, कैलाश विजयवर्गीय तो आध्यात्मिक ज्ञान देने लग गए
हमारे नेताओं को तो बड़ा ख़्याल होता है मर्यादा का, जब संसद में बैठ कर पोर्न देखते हैं.
9. राजपाल सैनी को नहीं पता कि टेक्नोलॉजी के क्या फायदे हैं
हां, महिलाओं को चूल्हे-चौके में बैठने के अलावा कोई काम थोड़ी ही है.
10. ममता बैनर्जी, खुद महिला हो कर ऐसी बेतुकी बात करती हैं
दीदी, ऐटा ना चौलबे
11. दिग्विजय सिंह ट्विटर पर की चटर-पटर
दिग्गी बना की जय!
12. के. सुधाकरन की तो शब्दावली ही ठीक नहीं है
कोई इनको डिक्शनरी दो यार!
13. मोहन भागवत तो देश का बटवारा कर रहे हैं
वैसे तो ये सच नहीं है और अगर है भी तो क्या फ़र्क पड़ता है. अंत में तो रेप हो रहे हैं.
14. साक्षी महाराज का ये प्रजनन का महान ज्ञान
और जनसंख्या का क्या होगा?
15. लोक सभा सांसद, अभिजीत मुख़र्जी ने निर्भया रेप कांड के समय की थी ये निरथर्क टिप्पणी
और इनके हिसाब से सजी-धजी महिलाओं को सही मुद्दे पर अपनी आवाज़ उठाने का हक़ नहीं है.