एक स्टडी में भारत में हेल्थकेयर की पोल खुल गई. इस शोध के अनुसार भारत में औसतन एक डॉक्टर एक मरीज़ को 2 मिनट से ज़्यादा वक़्त नहीं देता.

BMJ Open नामक एक मेडिकल जर्नल के अनुसार, भारत कन्सल्टिंग के मामले में सबसे बुरी जगह है. पड़ोसी देश, बांग्लादेश और पाकिस्तान भारत से पीछे हैं. बांग्लादेश में जहां हर मरीज़ को सिर्फ़ 48 सेकेंड दिया जाता है, वहीं पाकिस्तान में डॉक्टर मरीज़ को 1.3 मिनट देते हैं.

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दुनिया के विकसित देश, जैसे स्वीडन, नोर्वे और यूएसए में औसतन डॉक्टर एक मरीज़ पर 20 मिनट लगाते हैं.

ये शोध यूनाइटेड किंगडम के अलग-अलग अस्पतालों के डॉक्टर्स ने किया. डॉक्टर्स की टीम के अनुसार,

ये चिंता का विषय है. 18 देश जिसमें दुनिया की लगभग आधी आबादी रहती है वहां Consultation Time 5 मिनट से भी कम है. अगर डॉक्टर मरीज़ को ढंग से देखेंगे ही नहीं, तो उनका सही इलाज कैसे करेंगे?

शोध में ये भी कहा गया कि ऐसे देशों में मरीज़ डॉक्टर के पास जाने के बजाये एक Antibiotic खाना ज़्यादा पसंद करते हैं.

उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु में डॉक्टरों की भारी कमी है. जून में National Human Rights Commission ने तमिलनाडु के सरकारी अस्पतालों को मरीज़ों की बदहाली के लिए नोटिस भी भेजा था.

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मई में उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री, सिद्धार्थ नाथ सिंह ने Legislative Council को बताया कि उत्तर प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में 7000 डॉक्टर्स की कमी है और खाली जगहों को भरने की कोशिशें जारी है.

ये बहुत ही चिंताजनक विषय है कि इतना बड़ा देश और देश में डॉक्टर्स की इतनी कमी.

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