क्या कभी आपने सोचा है, कि ये Shaving या Waxing की शुरुआत कहां से हुई? Waxing का इतिहास बड़ा ही दिलचस्प है. Waxing के जो तरीके आज हमारे लिए Normal है, ये नए ज़माने के तरीके हैं. पुराने ज़माने में न तो Wax होता था, और न ही Waxing Strip.
पितृसत्तात्मक सोच वाले इस समाज में महिलाओं की ख़ूबसूरती के कुछ पैमाने तय किए गए हैं. ये पैमाने समाज, संस्कृति के हिसाब से बदलते रहते हैं, किसी समाज में गोरे रंग की महिलाओं को अधिक ख़ूबसूरत माना जाता है, वहीं दूसरी समाज कुछ ऐसे समाज भी हैं, जिनमें औरतों का पूरे शरीर पर टैटू बनवाना ही ख़ूबसूरती की निशानी है.
चिकनी टांगें, ख़ूबसूरत होती हैं, ऐसी ही मान्यता है. साफ़-सुथरे Underarms तो आपकी Hygiene के लिए भी बहुत ज़रूरी है, यही न? चेहरे पर मौजूद छोटे से छोटे बाल का होना भी किसी पाप से कम नहीं लगता, तभी तो लोग, Upper Lips के बालों को मूछ की संज्ञा दे देते हैं. इन सबका होना औरत होने की निशानी नहीं है, बाल औरत के सिर्फ़ सिर पर होने चाहिए, और कहीं नहीं.
कुछ हिम्मत वाले ऐसे भी हैं, जो इस बात का झंडा लेकर खड़े हैं, कि Waxing या Shaving करवाना या न करवाना औरत की अपनी Choice है, इस पर किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए.
बड़ा ही दिलचस्प है Waxing का इतिहास
पाषाण काल में पुरुष और महिलाएं अपने सिर के और शरीर के सारे बाल हटाते थे. इसकी मुख्य वजह थी युद्ध. युद्ध में अपने दुश्मन की पकड़ से बचने के लिए उस काल के मानव Clean Shave रहते थे. इस युग में लोग धारदार औज़ारों से शरीर के बाल हटाते थे.
मिस्त्र के बाशिंदे समानता में विश्वास करते थे. वहां भी सुंदरता का पैमाना था Hairless Body. मिस्त्र के लोग अपनी Eyebrows Shave नहीं करते थे. वहां के लोगों ने Hair Removing के लिए कई तकनीकें विकसित की. वे Shaving के लिए Wax से लेकर Razor तक का इस्तेमाल करते थे.
Hair Removal को लेकर असमानता शुरू हुई ग्रीस से. पुरुषों को ये छूट दी गई कि वे अपनी इच्छा अनुसार शरीर के बाल रख सकते थे, या हटा सकते थे. पर ऊंचे घर की महिलाओं का पूरे शरीर के बाल हटाना अनिवार्य कर दिया गया. ये Hair Removal की रीति Puberty के समय से ही शुरू हो जाती थी.
महारानी Elizabeth I ने Eyebrows सेट करवाने और चेहरे को Hair-Free रखने का Trend शुरू किया था. गौरतलब है कि वे हमेशा तन ढके कपड़े पहनती थी, तो उन्हें पूरे शरीर की फ़िक्र शायद नहीं थी.
17वीं और 18वीं शताब्दी में Straight Razor का आविष्कार किया गया. इसका उपयोग पुरुष Shaving के लिए करते थे. इस समय औरतों को अपने शरीर के साथ अपनी इच्छानुसार व्यवहार करने की आज़ादी थी. पर किसे पता था कि जल्द ही ये Trend भी बदलने वाला था.
20वीं शताब्दी के शुरू होते ही Sleeveless Dresses फ़ैशन में आ गयी और Underarms Shave करना ज़रूरी हो गया. उस वक़्त के Advertisements पर नज़र डाली जाए, तो Armpit Hair का दिखना आपत्तिजनक बताया गया है.
दूसरे विश्व यूद्ध के समय, Nylon की ज़रूरत बढ़ गई थी, और फलस्वरूप औरतों को Stockings पहनना बंद करना पड़ा. इस Situation ने ही पैरों की Waxing की शुरुआत की.
1980 और 1990 के दशक में Bikini के बढ़ते चलन के बाद, Pubic Hair हटाने के Trend ने भी ज़ोर पकड़ा. पर इस दशक में भी औरतों को अपनी मर्ज़ी से काम लेने की आज़ादी दी गई.
आज के संदर्भ में Waxing के बारे में कुछ कहना मुश्किल है. एक तरफ़ दुनिया में Colourful Underarm Hair रखने का Trend है, तो दूसरी तरफ़ क्लीन बॉडी का. मेरी समझ से Waxing करवाना या ना करवाना, कभी भी ख़बसूरती का पैमाना हो ही नहीं सकता. ये तो किसी भी इंसान की इच्छा पर ही निर्भर करना चाहिए कि वो अपने शरीर के साथ क्या करना चाहता है.
Source: Viral Nova