Sexual Harassment और रेप के अधिकतर केसेज़ में लोग आसानी से लड़की पर इल्ज़ाम लगा देते हैं कि उसने छोटे कपड़े पहने होंगे, वो ड्रिंक कर रही होगी. या वो देर रात घर आ रही होगी, तो ये सब होना ही था. (क्योंकि आदमी का ईमान इन कंडीशन्स के वक़्त आसानी से डोल जाता है)

आधे लोग इस बात से इत्तेफ़ाक़ नहीं रखते कि यौन उत्पीड़न या बलात्कार करने वाले लोग टाइम, कपड़े और जगह देखा कर ये हरकतें नहीं करते. सच्चाई ये है कि कोई भी इंसान सिक्योरिटी का कितना भी हवाला दे दे, लड़कियों के साथ रेप और Harassment हर जगह होता है, घर में, ऑफिस में, स्कूल-कॉलेजों में, राह चलते, सफ़र करते. सुबह-शाम, दिन-रात. लेकिन हम मानते कहां हैं?

इसी बात को अपनी फ़ोटो सीरीज़ की मदद से सामने रखने की कोशिश की है न्यू यॉर्क की सिनेमा और फ़ोटोग्राफ़ी की स्टूडेंट Yana Mazurkevich ने. उसका मकसद अमेरिका के कॉलेजों में बढ़ रही सेक्सुअल असॉल्ट की घटनाओं और घरेलू हिंसा पर दुनिया की नज़रअंदाज़ी को आइना दिखाना था.

ये पावरफुल फोटोज़ भले ही वहां की हों, लेकिन ये भारत जैसे देश (जहां ये सभी घटनाएं लगभग हर सेकंड होती हैं) के लिए भी लागू होती हैं:

1. वो चिल्ला रही थी, पर सुनने वाला कोई नहीं था.

2. उसे पता ही नहीं चला, यकीन नहीं हुआ कि वो ऐसा करेगी.

3. उसकी मर्ज़ी शायद मायने ही नहीं रखती.

4. कई बार वो इंसान आपके साथ ऐसा करता है, जिससे इसकी उम्मीद भी नहीं की थी.

5. ये किसी के भी साथ हो सकता है.

6. ये हर जगह होता है.

7. किसी भी वक़्त

8. उसकी कोई ग़लती नहीं थी, फिर भी…

9. ये इसके साथ हुआ है, किसी और के साथ भी हुआ होगा और किसी ने कुछ नहीं कहा होगा.