ज़्यादातर भारतीय गोरी त्वचा से मनोग्रहीत (Obsessed) होते हैं. हमारी दुनिया में आज भी गोरेपन को सुंदरता का पैमाना माना जाता है. लेकिन विश्व की ऐसी कई मॉडल्स और पॉप स्टार्स हैं, जो गोरी नहीं हैं लेकिन उन्हें बेहद ख़ूबसूरत माना जाता है. जैसे, नाओमी कैंपबेल
हिन्दुस्तान की नंदिता दास
बिपाशा बसु
और सिंगर रिहाना
अंग्रेज़ी गानों का शौक़ हो या न हो, पर हमें लगता है कि कहीं न कहीं ये नाम आपकी नज़रों के सामने आया ही होगा.
कौन हैं रिहाना?
रिहाना एक सिंगर, एक्ट्रेस और बिज़नेसवुमन हैं. रिहाना को अपने गानों के लिए Grammy से भी नवाज़ा गया है. Forbes की Most Powerful Celebrity के चौथे नंबर पर भी आ चुकी हैं रिहाना.
अब मिलिए भारत की अपनी रिहाना से-
ये है छत्तीसगढ़ की रिनी कुजूर. जब रिनी 3 साल की थी तब एक फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता में हिस्सा लिया था. परी की ड्रेस पहनकर रिनी स्टेज पर आई ही थी कि दर्शक दीर्घा ने ‘काली परी, काली परी’ का शोर मचा दिया. सभी हंस रहे थे और रिनी दुखी होकर स्टेज से उतर गईं.
आज उस घटना को याद कर रिनी कहती हैं, ‘कुछ परियां काली भी होती हैं.’
मॉडल बनना आसान नहीं होता और अगर रंग गोरा न हो तो और मुश्किल. शुरू-शुरू में रिनी को काम नहीं मिलते थे. हिदायतें मिलती थीं, जैसे कि सेक्स वर्क करने की…
अगर काम मिलता भी था, तो उन पर मेकअप की कई परतें चढ़ाई जातीं और उनकी तस्वीरें काफ़ी एडिट की जाती.
एक बार एक दोस्त ने रिनी को कहा कि वो रिहाना से काफ़ी मिलती-जुलती दिखती है. रिनी ने इस बात को हंसी में उड़ा दिया. धीरे-धीरे सभी यही कहने लगे.
काम मिलना आसान हो गया. रिनी ने HT से हुई बातचीत में कहा,
फ़ोटोग्राफ़र्स क्लाइंट्स से कहते कि मैं रिहाना जैसी दिखती हूं. इस तरह लोग राज़ी हो जाते, क्योंकि कोई इस बात से इंकार नहीं कर सकता था कि रिहाना ख़ूबसूरत हैं. जो मुझे काली और बदसूरत कहते थे, उन्होंने अपने शब्द वापस लिए.
रिहाना ने रिनी की क़िस्मत बदल दी. रिनी कहती हैं कि रिहाना का नाम जुड़ने से उन्हें काम मिलने में आसानी होने लगी. लेकिन इसके बावजूद रिनी को गोरी मॉडल्स के मुक़ाबले कम ही काम मिलते हैं.
रिनी कहती हैं,
कुछ लोगों के लिए ख़ूबसूरती यानि की गोरापन. इस मानसिकता को बदलने में कुछ वक़्त तो लगेगा. पर मैं ख़ुश हूं कि मैं इस बदलाव का हिस्सा हूं.
रिनी किसी दिन रिहाना से मिलना चाहती हैं.
ख़ूबसूरती देखने वाले की आंखों में होती है, पर दुख की बात है कि फ़ैशन इंडस्ट्री में ऐसी आंखों की कमी है.