मोहम्मद अली, 60 के दशक का वो क्रांतिकारी मुक्केबाज, जिसे इंटरनेट के युग में ग्रेटेस्ट ऑफ़ ऑल टाइम (GOAT) कहा जाने लगा है. यानि दुनिया का महानतम एथलीट. बॉक्सिंग रिंग में कई यादगार फ़ाइट्स में शामिल रहे कैशियस क्ले रिंग के बाहर, शांति और सौहार्द की मिसाल पेश करते रहे. फ़िर चाहे वो वियतनाम युद्ध को लेकर उनका विरोध हो या फिर नस्लभेद के खिलाफ़ उनकी लड़ाई. लेकिन आज हम उनके रिकॉर्ड्स की नहीं, बल्कि उनके बारे में एक ऐसी बात आपको बताने जा रहे हैं, जो शायद आपने पहले कभी नहीं सुनी होगी.

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हाना अली, जो अमेरिकी पेशेवर मुक्केबाज मोहम्मद अली की बेटी हैं, का कहना है कि उनके पिता नहीं चाहते थे कि उनकी बेटी लैला मुक्केबाजी में करियर बनाये. हाना के अनुसार, मोहम्मद अली चाहते थे कि उनकी बेटी नियमित नौकरी करें.

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हाना अली के अनुसार, मेरे पिता ने मेरी बहन लैला को मुक्केबाज़ी में करियर न बनाने की बात पर कई बार कोशिश की, लेकिन तब उन्हें लगा कि लैला मुक्केबाज़ी के प्रति गंभीर है, तो उसके बाद उन्होंने उसका पूरा समर्थन किया और उन्हें उस पर गर्व महसूस होता था.

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आपको बता दें कि महान मुक्केबाज मोहम्मद अली की तीसरी बेटी हैं हाना. फ़र्स्ट पोस्ट के अनुसार, हाना ने कहा, ‘मेरे पापा का ये एक गुण था कि अगर वह बच्चों की पसंद से सहमत नहीं होते थे, तब भी वो उनका समर्थन करते और हमेशा अच्छा प्रदर्शन करने के लिए प्रोत्साहित करते थे. वो बस प्रार्थना करते रहते कि लैला को मुक्केबाज़ी के दौरान किसी तरह की चोट न लगे. और शायद भगवान ने भी उनकी सुनी क्योंकि लैला बिना हारे रिटायर हुई और कभी भी चोटिल नहीं हुई.’

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वो कहती हैं कि हमारे पापा ने कभी भी हम पर अपना अधिकार नहीं जमाया, बल्कि हमरे प्रति उनका व्यवहार हमेशा से सुरक्षात्मक था.

हाना ने अपनी किताब ‘एट होम विद मोहम्मद अली’ में अपने पिता और इस महान मुक्केबाज़ मोहम्मद अली की ज़िन्दगी के अलग-अलग पहलुओं को उजागर किया है, जिनके बारे में बहुत लोगों को पता नहीं होगा.

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PTI को दिए एक इंटरव्यू में हाना ने बताया कि:

‘इस किताब को लिखने की प्रेरणा मुझे तब मिली, जब मुझे पापा की ऑडियो रिकॉर्डिंग्स मिली और मेरी जिज्ञासा तब और बढ़ी जब मैंने पापा द्वारा मम्मी को लिखे गए लव लेटर्स ढूंढ निकाले. इन लेटर्स के साथ मुझे उनकी कई ऐसी फ़ोटोज़ भी मिली, जो हमने पहले कभी नहीं देखीं थीं.’
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70 के दशक में, अली ने अपने लॉस एंजिलस स्थित घर में ऑडियो डायरी की एक सीरीज़ की रिकॉर्डिंग शुरू की थी. इन निजी टेप्स के साथ-साथ उनकी व्यक्तिगत पत्रिकाओं, प्रेम-पत्रों और दुर्लभ तस्वीरों के माध्यम से कोई भी व्यक्ति उनके परिवार के किसी भी सदस्य के बारे में जान सकता है. इसके साथ ही इन चीज़ों से ये भी पता चलता है कि अपनी व्यस्तता के बीच कैसे वो अपने सभी 9 बच्चों को एक सूत्र में बांधने के लिए कितना कुछ करते थे. यहां तक कि असाधारण परिस्थितियों से भी लड़ जाते थे. वो दूसरों की मदद के लिए हमेशा तत्पर रहते थे फिर चाहे वो उनके परिवार का कोई सदस्य हो, कोई दोस्त या फिर कोई अजनबी हो.

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हाना बताती हैं कि उनके पास पिता अली के लगभग 90 टेप्स हैं और अगर इनके समय को जोड़ा जाए तो करीब 70 से 80 घंटे की रिकॉर्डिंग्स हैं. इनकी मदद से मैं पापा के ऊपर कुछ डॉक्युमेंट्रीज़ या एक मिनी सीरीज़ बना सकती हूं. लेककन उसमें बहुत ज़्यादा टाइम और स्किल्स की ज़रूरत होगी. मैं अभी ये निर्णय नहीं ले पा रही हूं कि मैं खुद ये करूं या इन टेप्स और बाकी चीज़ों को किसी को बेच दूं, ताकि वो फ़िल्म या सीरीज़ बना सके. वो चाहे जो भी हो, पर मेरे पापा के अंतिम पलों को किसी ने भी नहीं सुना है.

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मोहम्मद अली हमेशा कहते थे, ‘मैं महानतम हूं.’ और उनसे शायद कम लोग ही असहमत होंगे. भले ही उनका जन्म कासियस मार्सेलस क्ले के रूप में हुआ था, लेकिन 1964 में लिस्टन को हराकर हैवीवेट ख़िताब जीत कर उन्होंने ये एक ऐलान करके कि वो अश्वेत मुस्लिमों के देश के सदस्य हैं मुक्केबाज़ी के पूरे जगत को हैरानी में डाल दिया था. उसके बाद उन्होंने अपना नाम बदल दिया और तब से ही दुनिया उनको मोहम्मद अली के नाम से ही जानती आ रही.