सफ़लता और विफ़लता सब सोच का खेल है. अगर आप सकारात्मक हैं, तो देर से ही सफ़लता मिलेगी, लेकिन अगर आप नकारात्मक हैं, तो सफ़लता देर से भी नहीं मिलेगी. क्योंकि Negativity आपके इरादों और हौसलों को कमज़ोर कर देती है और मंज़िल पर पहुंचने से पहले ही आपको गिरा देती है. इसलिए कुछ Negative Habits हम सबमें होती हैं, जो हमें आगे नहीं बढ़ने देती, उन्हें जानना बहुत ज़रूरी है.
ये हैं वो Negative Habits:
1. लोग आपके बारे में क्या सोचते हैं, क्या कहते हैं इसके बारे में सोचना बंद करें. क्योंकि ये नकारात्मक सोच आपको कभी मंज़िल को पाने नहीं देगी.
2. ऐसे लोगों से दूरी बनाएं, जिनकी लाइफ़ को कोई लक्ष्य ही नहीं है. क्योंकि ऐसे लोग आपको भी नहीं बढ़ने देंगे.
3. चालाक, मतलबी, नशा करने वाले इंसान से दूर रहें. भले ही वो आपका दोस्त हो, आपके फ़ेमिली मेंबर में से कोई हो. ऐसे लोग अपने फ़ायदे के लिए इस्तेमाल करते हैं और फिर धोखा दे देते हैं.
4. किसी भी काम को लास्ट टाइम के लिए न छोड़ें. उसे पहले से ही कर लें ताकि अगर कोई कमी हो तो उसे सुधारने का समय हो आपके पास.
5. ख़ुद की तुलना दूसरों से करना बंद करें. क्योंकि हर इंसान का अपना नज़रिया, साहस और दिमाग़ होता है किसी भी काम को करने का. इसलिए इस बात पर ध्यान दें कि आप कैसे बेहतर कर सकते हैं न कि दूसरों की नक़ल या अपनी तुलना करें.
6. दूसरों को न कहना बहुत मुश्किल होता है. इसलिए अपने अंदर की उस शक्ति को पहचानें और दूसरों की हर बात पर हां में हां मिलाने की जगह न कहना सीखें. ऐसा तभी होगा जब आप ख़ुद को सक्षम करेंगे किसी भी काम को करने में.
7. अगर कोई काम ग़लत हो गया है, तो उसे सुधारने का विश्वास अपने अंदर लाएं न कि ख़ुद पर संदेह करके अपने इरादों को कमज़ोर करें.
8. ‘बहाना’ वो दीमक होती है जो कब आपके सपनों को खोखला कर देती है पता ही नहीं चलता. इसलिए बहाने मारने की बजाय काम को करने की आदत डालें. ये देर से ही सफ़लता की ओर ले ज़रूर जाएगी.
9. ज़िंदगी में शिकायत करना बहुत आसान होता है इसलिए शिकायत करने से बचें. ध्यान रखें बुरा दिन सबका आता है इसलिए उसके लिए रोने से अच्छा समाधान ढूंढे.
10. जिन चीज़ों पर आपका कंट्रोल है अपना समय उन पर लगाएं. अब ये सोचकर दुखी हों कि कल आने वाली बारिश को नहीं रोक पाए, तो ये समय की बर्बादी है और कुछ नहीं.
11. अगर किसी रिश्ते, किसी जॉब या ज़िंदगी के किसी भी मोड़ पर कोई भी चीज़ आपको बेहतर न लगे तो उसे ठीक करने की कोशिश करो न ठीक हो तो उससे बाहर आ जाओ, लेकिन समझौता मत करो.
आज ही इन आदतों को अपने अंदर से निकालकर फेंक दीजिए.