समुद्र तल से 13,000 फ़ीट की ऊंचाई, -10 से -35 डिग्री का तापमान और जमा देने वाली हवाएं. इसे पढ़ कर ही ठंड का एहसास होने लगता है. हिमालय की गोद में बसी स्पीति घाटी कुछ ऐसी ही है. इंसान वहां कुछ घंटे भी नहीं बिता सकता. लेकिन फ़िल्म मेकर अनचित ठकराल ने इन परिस्थियों में न सिर्फ़ रह कर दिखाया, बल्कि उनकी नई डॉक्योमेंट्री फ़िल्म भी इसी कहानी पर आधारित है.
अनचित दिल्ली के रहने वाले हैं और उनका एक प्रोडक्शन हाऊस भी है. उन्होंने भारत की पहली जमे हुए झरने पर चढने की फ़िल्म बनाई है.
जब इस फ़िल्म की शूट की बात की गई तो पूरा क्रू जितना उत्साहित था उससे कहीं ज़्यादा डरा हुआ.
करीब 260 फ़ीट के इस झरने की चढ़ाई काफ़ी खतरनाक थी.
मौसम का साथ नहीं था और ये भी नहीं पता था कि कब झरने की जमीं बर्फ़ टूट कर गिर जाए.
इस टीम में करीब 14 लोग थे, जिसमें से एक लड़की भी थी.
इस टीम की एक ख़ास बात ये थी कि इसमें किसी की भी उम्र 30 साल नहीं थी. अनचित सबसे बड़ी उम्र के जिनकी उम्र मात्र 29 साल थी.
पूरी टीम को पता था कि इसमें एक भी रिटेक का मौका नहीं मिलेगा. एक गलती किसी की भी जान ले सकती थी.
लेकिन मज़बूत इरादों से भरी टीम ने इस फ़िल्म की शूटिंग पूरी की.
इस शूटिंग में करीब 35 लाख रूपये का खर्च आया. अब अनचित इसे जल्द से जल्द एडिट करवा कर लॉन्च करना चाहते हैं.