कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए देश में 21 दिन का लॉकडाउन घोषित कर दिया गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते मंगलवार रात 8 बजे देश को संबोधित करते हुए ये घोषणा की.

21 दिन तक बाहर न निकलना और घरों में बंद रहना आसान नहीं है. हालांकि दुनियाभर के कई देशवासियों ने इसका पालन किया. चीन में 2 महीने तक संपूर्ण लॉकडाउन था पर ये आसान नहीं है. 
लॉकडाउन में क्या होगा, हम कैसा महसूस करेंगे, क्या-क्या हो सकता है ऐसे कई सवाल हमारे मन में हैं.  

Dayyan Eng नामक एक शख़्स ने फ़ेसबुक पर पोस्ट करके बताया है कि 2 महीने के चीन के लॉकडाउन में उन्होंने कैसा महसूस किया और हम आने वाले समय में कैसा महसूस कर सकते हैं. 

**पहले दो हफ़्ते में: कनफ़्यूज़न, ग़ुस्सा, एक-दूसरे पर उंगली उठाना, Conspiracy Theories, असहाय महसूस करना और क्या करे क्या न करें टाइप फ़ील होगा. सुपरमार्केट से चीज़ें, फ़ेस मास्क जमा किया जायेगा. रोज़ाना खाना बनाना होगा. बहुत से लोग सब कुछ मानने से इंकार करेंगे. अभी भी बहुत लोग ऐसे होंगे जो Social Distancing को नहीं मान रहे होंगे. बाहर जाना चाहिए या नहीं इस पर रोज़ बहस. काम के पचड़े पर कोई बात नहीं करेगा. क्या वायरस है और इससे ख़ुद को कैसे बचाना है, इस पर ऑनलाइन घंटों रिसर्च किया जायेगा.’

**तीसरा-चौथा हफ़्ता: अचानक सबको यक़ीन हो जायेगा कि सब सच है और ये सब जल्द ख़त्म नहीं होगा. इसके साथ ही हल्का सा डिप्रेशन भी होने लगेगा. बात को बद से बद्तर बनाने के लिए ठीक इसी वक़्त Infection बढ़ना शुरू होगा, आपके जान पहचान वाले वायरस की चपेट में आयेंगे (ज़रूरी नहीं है कि ये नये Infection की वजह से हो बल्कि ये पहले के Incubation का असर हो सकता है या फिर ये भी हो सकता है कि आख़िरकार टेस्टिंग की ही गई). कुछ लोग हमेशा के लिए अंदर और ऑनलाइन रहने का निर्णय लेते हैं, कुछ लोग रिफ़्रेश बटन को दबाना बंद करते हैं क्योंकि ये सब बहुत डिप्रेसिंग है. कोरोना वायरस से जुड़े जोक्स और मीम्स की शेयरिंग कम होने लगती है, लोग किसी और चीज़ में ह्यूमर ढूंढ लेते हैं. क्वारंटाइन लाइफ़ के आदी होने लगते हैं, लेकिन ये ‘नये नॉर्मल’ से अभी काफ़ी दूर है. करियर ड्रिवेन लोग वर्क फ़्रॉम होम करेंगे और फ़ोकस रहने की कोशिश करेंगे. सर्विस इंडस्ट्री और रोज़ कमाने-खाने वाले लोगों की हालत ख़राब होगी क्योंकि अगर ऐसा ही चलता रहा तो वो रोज़मर्रा की चीज़ें नहीं ख़रीद पाएंगे. छोटे बिज़नेस वाले और यहां तक कि बड़े बिज़नेस कर रहे लोगों की भी हालत ख़स्ता होगी. सरकार टैक्स ब्रेक, फ़्री सर्विस आदि प्लान्स की प्रेस रिलीज़ द्वारा सबको शांत करने की कोशिश करेगी.’  
**पांचवां-छठा हफ़्ता: क्वारांटाइन से दोस्ती टाइप रिश्ता, आपको ये महसूस होगा कि आप ये कर सकते हैं, लेकिन अच्छे और बुरे दोनों दिन आयेंगे. कभी-कभी आपको बिस्तर से उठने की शक्ति ही नहीं मिलेगी. अगर आपके बच्चे हैं और वो अपना रूटीन फ़ॉलो कर रहे हैं तो आपको लगेगा ये इतना भी बुरा नहीं है. ख़ुशी के दिनों में आपने अपने अंदर कुछ ऐसा नया ढूंढ निकाला है जो आपको भी नहीं पता था कि आपके अंदर है. कुछ सकारात्मक न्यूज़ भी दिखने लगेंगे लेकिन आपको एहसास होगा कि अभी सब ख़त्म नहीं हुआ है और स्कूल तो अभी नहीं ही खुलने वाले हैं. आपको बाइ-पोलर टाइप भी महसूस हो सकता है क्योंकि आपके बच्चे अच्छा तो कर रहे हैं पर आपके पास उनका मन लगाए रखने के आईडियाज़ नहीं हैं. स्क्रीन से चिपकना ज़्यादा हो गया है कि क्योंकि आप शारीरिक और मानसिक तौर पर थक चुके हैं. नये Infection केस के नंबर पर लोग अब कम ध्यान देते हैं क्योंकि ट्रेन्ड कम हो रहा है जो कि अच्छा है. ये वो वक़्त है जब आप जोक्स, मीम्स और टिकटॉक से बोर हो गये हैं और आप बस काम/स्कूल वापस लौटना चाहते हैं. 
**सातवां-आठवां हफ़्ता: देशभर में नये केस की संख्या लगभग शून्य तक पहुंच गई है आप धीरे-धीरे बाहर निकलना शुरू करते हैं ऐसे जैसे सामने का दरवाज़ा खुला हो और आप धीरे-धीरे उस तरफ़ बढ़ रहे हैं, आप ड्राइव्स के लिए निकल रहे हैं. पार्क में घूम रहे हैं जो आधे खाली है. आप ऐसी जगहें खोज लेते हैं जहां ज़्यादा लोग नहीं जाते. कुछ लोग आधिकारिक रूप से दफ़्तर/नौकरी पर लौट चुके हैं पर अभी कई लोग घर पर ही हैं. सब सामान्य नहीं हुआ हौ पर आपको रौशनी नज़र आने लगती है. आप पिछले कई हफ़्तों से साफ़-सफ़ाई को लेकर जितने सजग थे अब थोड़ा आलस दिखा रहे हैं. आपके हाथ Moisturizer लगाने के बावजूद कड़े हो गये हैं, हाथी के जैसे. अब आपको ये यक़ीन हो गया है कि आप ‘क्वारंटाइन प्रो’ हो गये हैं और कुछ और हफ़्ते इसे हैंडल कर सकते हैं लेकिन आप अंदर ही अंदर चमत्कार की उम्मीद भी कर रहे हैं. और मैं अभी यहीं हूं, 55वां दिन. 
चीन के बाहर के देशों के लिए हालात अलग होंगे, सरकार के निर्णय पर और लोग लॉकडाउन और सेल्फ़-आइसोलेशन का कितना पालन करते हैं ये उस पर निर्भर करेगा. मैं उम्मीद करता हूं कि आप सब क़िस्मतवाले हों और ये ऊपर की चीज़ें होने से पहले एक ऐंटी-वायरल बन जाए. स्ट्रॉन्ग बने रहें, पॉज़िटिव रहें. इसको ऐसे लीजिए- हम लोग इस रोलर कोस्टर में सबसे पहले थे और ये बहुत डरावना था क्योंकि हमें नहीं पता था कि हम कहां जा रहें, पर आप लोगों ने Curve को Flat होते देखा है जिसका मतलब यही है कि इसे हम सब मिलकर हरा सकते हैं. 
‘ये पृथ्वी एक देश है और हम सभी इंसान इसके बाशिंदे.’