हाल ही में हॉलीवुड की एक्ट्रेस Carrie Fisher की डेथ हुई और उसके कुछ ही दिनों में उनका मां की भी डेथ की ख़बर सामने आ गयी. तब से सभी ‘Maternal Bereavement’ की बातें कर रहे हैं.
क्या होता है Maternal Bereavement Effect
अकसर हॉस्पिटलों में देखा गया है कि जिन महिलाओं के बच्चे Still Born (मरा हुआ बच्चा पैदा होना) होते हैं, उनकी या तो उसी वक़्त मौत हो जाती है, या कई बार उन्हें दोबारा Conceive करने में दिक्कत होती है. इसे हम आम भाषा में वियोग कहते हैं. जब बच्चे की मौत के बादुसके वियोग में मां या पिता की मौत भी हो जाती है. ऐसा भी देखा गया है कि 50-60 साल तक साथ रहने वाले बुज़ुर्ग कपल में से भी जब किसी एक की डेथ होती है, तो दसूरे की डेथ भी उसके फ़ौरन बाद होती है.
इस पर काफ़ी रिसर्च हो चुकी है और कई डॉक्टर्स ने इस बारे में कहा भी है कि किसी अपने को खोने के ग़म में दर्द, अकेलेपन और उदासी की स्टेज कई बार उस हद तक पहुंच जाती है कि इंसान का दिल उसका साथ छोड़ देता है.
अपने बच्चे की मौत की ख़बर सुन कर कई बार लोगों को हार्ट अटैक भी आते हैं, ऐसा हार्ट पर लगने वाले शॉक की तरह होता है. और जिन लोगों की इसके तुरंत बाद मृत्यु हो जाती है, उनका दिल इस झटके से उबर नहीं पाता.
एक मां का भावनात्मक जुड़ाव अपने बच्चे से (पिता के मुक़ाबले) ज़्यादा होता है, इसलिए बच्चे के वियोग में उसकी मृत्यु के केस ज़्यादा होते हैं. ये तब भी होता है जब डिलीवरी के वक़्त डॉक्टर बच्चे को न बचा पाएं। बच्चे की डेथ के 2 साल के भीतर मां की मृत्यु के चांस 326 प्रतिशत तक बढ़ जाते हैं.
Carrie Fisher की मृत्यु के बाद Debbie Reynolds की मौत की वजह भी यही थी. इसे भावनात्मक रूप से टूटने के बाद अगर साइंस की नज़र से देखते हैं तो अधिकतर केस में ब्लड प्रेशर बढ़ना, पल्स रेट बढ़ना, हार्ट की धड़कन का Abnormally बिहेव करना, ये सब भी करण बन जाते हैं. कई स्टडीज़ में ये बात भी सामने आई है कि किसी इंसान का दिल टूटना, फिज़िकल पेन जितना ही गंभीर होता है.
अगर आपके साथ कोई ऐसा इंसान है, जो किसी की मौत के बाद वियोग में है, तो आप उनके साथ ज़्यादा से ज़्यादा टाइम बिताने की कोशिश करें, ताकि वो इससे बाहर निकल सकें.
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