मां, प्यारी मां, मम्मा… ज़रूरत के हिसाब से डॉक्टर, इंजीनियर, शेफ़, दोस्त बन जाती है. उसकी गोद में सिर रखकर दुनिया की सबसे सुकून भरी नींद आती है.
बनाने वाले ने जो सबसे प्यारी चीज़ बनाई है वो है ‘मां’. अपने बच्चों के लिए पूरे दुनिया से लड़ जाने वाली मां.
ऐसी ही एक मां हैं लखनऊ के मोतीनगर, आलमबाग की.
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2018/11/5bdfe70c19867e78bded56bc_a5435150-8209-4ee4-8269-26607bcc3801.jpg)
मिलिए प्रेमा दिवाकर से
5 बेटियों की मां… जो अपने पति के साथ कपड़े धोकर और प्रेस करके अपना घर चलाती है. एक ऐसी मां जिसने प्रतिदिन पैसे बचाकर, नमक-रोटी खाकर अपनी 5 बेटियों को Independent बनाया. कपड़े इस्त्री करके, बचत करके ख़ुद सबकुछ किया लेकिन किसी से मदद नहीं मांगी.
एक आम , लेकिन बेहद ख़ास महिला. गांव कनेक्शन से बात करते हुए प्रेमा ने बताया,
1977 में शादी के बाद मैंने अपने पति के पुश्तैनी काम में हाथ बंटाना शुरू किया. गांव शहर से काफ़ी क़रीब है तो पति वहां के मोहल्लों से कपड़े लाते और उन्हें धोकर इस्त्री करने का काम करते.’ ज़िन्दगी ऐसी ही चल रही थी.
5 बेटियां होने के बाद रिश्तेदारों ने छोड़ा साथ
प्रेमा ने बातचीत में कहा,
पहली बेटी के पैदा होने के बाद सब ठीक था. दूसरी का जन्म हुआ तो परिवार, रिश्तेदारों, गांववालों की चिंता बढ़ गई. तीसरी के बाद लोग सहानुभूति के बहाने ताने कसने लगे. 5 बेटियां होने के बाद लोग चिंता ज़ाहिर करने आते तो मैं उन्हें जवाब देती कि 5 बेटियां है तो क्या करूं इन्हें नदी,तालाब में फेंक दूं क्या, इनकी क़िस्मत में जो लिखा होगा, वो होगा आप लोग फ़िक्र न करें.
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2018/11/5bdfe70c19867e78bded56bc_a8dc487b-83e2-41ba-8887-b31540507427.jpg)
बेटियों को शिक्षित करने के लिए किया संघर्ष
5 बेटियों को कम आय में शिक्षित करना आसान नहीं. प्रेमा ने हार नहीं मानी. अपने पति के साथ मिलकर दिन-रात मेहनत करके पैसे जोड़े.
गांव कनेक्शन से प्रेमा ने कहा,
बच्चों की पढ़ाई के लिए लखनऊ आए और यहां संघर्ष बढ़ा. हम टीन के छत वाले कमरे में रहते थे. मैंने अपनी बेटियों की पढ़ाई में लगन देखकर उनको पढ़ाने का निर्णय लिया.
सभी बेटियों ने हासिल किया अलग मक़ाम
प्रेमा की सभी बेटियों ने अलग मक़ाम हासिल किया है. पहली बेटी प्राथमिक विद्यालय में शिक्षिका है और सिविल परिक्षाओं की तैयारी कर रही है. दूसरी बेटी पीएनबी में बैंक असिस्टेंट मैनेजर है. तीसरी बेटी अधिवक्ता है, चौथी मशहूर शेफ़ है और पांचवी एमबीए कर मैनेजमेंट में रिसर्च कर रही है.
चौथी बेटी, नंदिनी दिवाकर द्वारा बनाई गई एक डिश Lufthansa Airlines में उसी के नाम से परोसी जाती है.
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2018/11/5bdfe70c19867e78bded56bc_237ccf15-60a7-4370-a5d5-5d0f81e02352.jpg)
सरकार ने किया सम्मानित
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने प्रेमा दिवाकर को सम्मानित किया.
अपनी ज़िन्दगी को क़ुर्बानी देकर अपने बच्चों की ज़िन्दगी संवराने में लगे रहते हैं माता-पिता. आसान नहीं है ख़ुद को भूलकर बच्चों के भविष्य के लिए जीना.