ओडिशा, भारत का एक ऐसा राज्य है, जहां प्रकृति इतनी मेहरबान है कि इसे देखने के बाद किसी का यहां से जाने का मन ही न करें. न सिर्फ़ प्राकृतिक सुंदरता है यहां, बल्कि स्थापत्य कला के मामले में ओडिशा को कोई टक्कर नहीं दे सकता. इसी लिए अगर कभी भी घूमने का प्लान करें, तो ओडिशा आपको कभी निराश नहीं करने वाला, बल्कि आपको यहां उम्मीद से कहीं ज़्यादा मिलेगा.
शानदार समुद्री तट, भव्य मंदिर, ख़ूबसूरत पार्क के अलावा और भी बहुत कुछ है यहां, जिसे देखकर आपका यहीं पर बस जाने का मन करेगा. अगर आप कभी भी ओडिशा आएं, तो इन शानदार और बेहतरीन जगहों पर आना कभी न भूलें.
मंदिर
ओडिशा के मंदिर ही पर्यटकों को यहां सबसे ज़्यादा आकर्षित करते हैं. यहां के मंदिरों से कई प्राचीन मान्यताएं जुड़ी हैं, जो इनके महत्व को बताते हैं. लोग इन मंदिरों में पूजा के लिए तो आते ही हैं, लेकिन इनकी सुंदरता को देखने के लिए विदेशी पर्यटकों की भी यहां भीड़ लगी रहती है.
कोणार्क का सूर्य मंदिर
भारत के प्रमुख और दर्शनीय तीर्थ स्थलों में से एक है, कोणार्क का सूर्य मंदिर. इस मंदिर को UNESCO ने विश्व धरोहर स्थल घोषित किया है. लाल बलुआ पत्थर और काले ग्रेनाइट पत्थर से बने इस मंदिर को गंग वंश के राजा नृसिंहदेव ने बनवाया था.
श्री लिंगराज मंदिर
ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में स्थित श्री लिंगराज मंदिर अपनी स्थापत्य कला के लिए दुनिया भर में मशहूर है. इस मंदिर का निर्माण सोमवंशी राजा जजाति केशरि ने 11वीं शताब्दी में करवाया था. हर साल अप्रैल महीने में यहां रथयात्रा आयोजित होती है.
श्री जगन्नाथ मंदिर
ओडिशा के पुरी में स्थित श्री जगन्नाथ मंदिर, हिंदुओं के चार धामों में से एक है. ये मंदिर किसी आश्चर्य से कम नहीं है. मंदिर के शीर्ष पर लगा झंडा, हमेशा हवा के बहाव की उल्टी दिशा में लहराता है. पुरी के जगन्नाथ मंदिर की रथयात्रा विश्व प्रसिद्ध है. इस मंदिर को मालवा के राजा इन्द्रद्युम्न ने बनवाया था.
‘गुंदिचा घर मंदिर’, ‘लोकनाथ मंदिर’, ‘दरिया हनुमान और सोनार गौरांग मंदिर’, ‘अर्द्धशनि मंदिर’ जैसे कुछ ख़ास मंदिर हैं, जहां लोग दूर-दूर से पूजा-अर्चना करने और घूमने के लिए आते हैं.
समुद्री तट
भारत के समुद्री तटों की बात करें तो, गोवा के बाद ओडिशा के समुद्री तट सबसे ज़्यादा सुंदर हैं. इसका एक प्रमुख कारण है यहां के समुद्र का साफ़ होना. यहां कोई गंदगी नहीं करता. इसलिए यहां हमेशा पर्यटकों का जमावड़ा लगा रहता है.
पुरी का समुद्री तट
पुरी तट को भगवान जगन्नाथ का निवास स्थान माना जाता है, इसलिए यहां तीर्थयात्री समुद्र में स्नान करने के लिए आते हैं. यहां पर सूर्यास्त के समय का नज़ारा बहुत आकर्षक होता है. सबसे ज़्यादा सैलानी इसी तट पर आ कर मौज-मस्ती करते हैं. तेज़ लहरों के बीच अगर आप तैराकी नहीं कर सकते, तो तट के किनारे बैठ कर आती लहरों में भीगने का मज़ा ले सकते हैं.
गोपालपुर का समुद्री तट
गोपालपुर, ओडिशा के प्रमुख बंदरगाहों में से एक है.ओडिशा का एक शांत और मनमोहक तट है ये. गोपालपुर समुद्री तट, भुवनेश्वर से 170 किलोमीटर और बेरहपुर से 15 किलोमीटर दूर. हर महीने, हज़ारों पर्यटक, इस जगह की सुंदरता देखने के लिए आते हैं.
चांदीपुर का समुद्री तट
चांदीपुर का ये रहस्यमयी समुद्र तट प्रकृति के आश्चर्यों में से एक है. कुछ ही मिनटों के भीतर समुद्र तट का पानी घट जाता है और फिर दो मिनट में ही समुद्र तट पर बाढ़ जैसा नज़ारा इसे रोमांचक बना देता है.
कोणार्क का समुद्री तट
समुद्र के किनारे बसा कोणार्क का तट, पुरी से 35 किलोमीटर और भुवनेश्वर से 65 किलोमीटर की दूरी पर है. ख़ूबसूरत मंदिरों के साथ यहां का ‘चंद्रभागा’ तट पर्यटकों की थकान मिटाने व मौज-मस्ती करने के लिए एक बेहतर स्थान है.
बालेश्वर का समुद्री तट
बालेश्वर का समुद्री तट अपनी ख़ूबसूरती के लिए दुनिया भर में मशहूर है. ये तट साल भर सैलानियों से भरा रहता है.
झील और वॉटरफ़ॉल
ओडिशा की प्राकृतिक सुंदरता को यहां के झील और झरने और ज़्यादा सुंदर बना देते हैं. यहां पूरे साल बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं. इन जगहों पर अकसर ओडिशा के लोग अपने दोस्तों और परिवार के साथ पिकनिक मनाने के लिए आते हैं.
चिल्का झील
जगन्नाथपुरी से 165 किलोमीटर दूर स्थित चिल्का झील का सौंदर्य पर्यटकों को अपनी ओर ख़ूब आकर्षित करता है. इस झील में कैस्पियन सागर, बैकल झील और अरब सागर से लेकर रूस, मंगोलिया और दक्षिणपूर्व एशिया, लद्दाख और हिमालय से पक्षी आते हैं. चिल्का झील ओडिशा की एक ऐसी सैरगाह है, जिसे देखे बिना ओडिशा की यात्रा पूरी नहीं हो सकती.
जोरंदा वॉटरफ़ॉल
जोरंदा फ़ॉल्स, ओडिशा के मयूरभंज ज़िले में ‘सिमलिपाल नेशनल पार्क’ में स्थित है. ये भारत का 19वां सबसे बड़ा झरना है. इसकी कुल ऊंचाई 150 मीटर (490 फ़ीट) है.
बरेहीपानी वॉटरफ़ॉल
बरेहीपानी वॉटरफ़ॉल भी ‘सिमलिपाल नेशनल पार्क’ में स्थित है. ये ‘जोरंदा फ़ॉल्स’ से 7 किलोमीटर की दूरी पर है. बरेहीपानी फ़ॉल्स की कुल ऊंचाई 399 मीटर (1309 फ़ीट) है.
‘डुडुमा वॉटरफ़ॉल’, ‘स्नाघाघरा वॉटरफ़ॉल’, खांडाधारा वॉटरफ़ॉल और भी कई झरने हैं, जो ओडिशा की सुंदरता को बढ़ाते हैं.
पार्क और Sanctuary
ओडिशा में कई सुंदर पार्क हैं, जिनकी सुंदरता देखते ही बनती है. वाइल्डलाइफ़ के शौकीन लोगों के लिए यहां बहुत कुछ है.
सिमलिपाल नेशनल पार्क
घने जंगलों, झरनों और पहाड़ियों से भरे इस पार्क में कई तरह के वन्यजीवों को पास से देखा जा सकता है. इस पार्क में लगभग 99 बाघ, 432 हाथियों के अलावा गौर और चौसिंगे भी हैं. ये पार्क 845 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है और इसमें जोरांडा और बरेहीपानी जैसे ख़ूबसूरत झरने हैं.
नंदनकानन ज़ूलॉजिकल पार्क
भुवनेश्वर से लगभग 20 किलोमीटर की दूरी पर, लगभग 400 हेक्टेयर में फैले इस पार्क को ‘गार्डेन ऑफ़ प्लेज़र’ भी कहते हैं. सफे़द बाघों के अलावा शेर, तेंदुए, घडि़याल, काले चीते,, पाइथन, किंग कोबरा आदि जीव-जंतु यहां के मुख्य आकर्षण हैं. तरह-तरह के पौधों से भरा Botanical Garden भी इसका मुख्य आकर्षण है.
Chilka Lake Bird Sanctuary
ओडिशा के पुरी में स्थित Chilka Lake Bird Sanctuary में पक्षियों की कई प्रजातियां पाई जाती हैं, इसीलिए दुनिया भर के पक्षी प्रेमी यहां आते हैं. चमकीली आइबिस, काले पंखों वाले स्टिल्ट, बैंगनी हंस और Sandpiper जैसी कई विदेशी पक्षियों की प्रजातियां यहां हर साल आती हैं.
Ushakothi Wildlife Sanctuary
Ushakothi Sanctuary, ओडिशा के सबसे मशहूर पर्यटन स्थलों में से एक है. लगभग 285 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैली ये Sanctuary संबलपुर ज़िले से लगभग 22 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. यहां बाघ, हाथी, तेंदुए और जंगली भैंसे रहते हैं. साल, अर्जुन, नीम और तरह-तरह के पेड़-पौधों से भरे इस Sanctuary में घूमने का सबसे सही समय अक्टूबर से मई है.
भीतरकनिका नेशनल पार्क
ओडिशा के केंद्रपाड़ी ज़िले में स्थित भीतरकनिका नेशनल पार्क में प्रकृति प्रेमियों को ज़रूर आना चाहिए. 672 वर्ग किलोमीटर में फैले इस पार्क में मगरमच्छ, अजगर, किंग कोबरा, जंगली सुअर, चित्तेदार हिरण और सांभर काफ़ी संख्या में पाए जाते हैं. सफे़द मगरमच्छों की दुर्लभ प्रजाति ‘शंखुआ’, यहां पाई जाती है.
महेंद्रगिरि
ओडिशा के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है, गजपति ज़िले के पार्लाखेमुंडी इलाके में स्थित ‘महेंद्रगिरि पर्वत’. समुद्र की सतह से 5000 फ़ीट की ऊंचाई पर स्थित इस जगह से शानदार और हैरतअंगेज़ कर देने वाले नज़ारे दिखते हैं. शहरों की व्यस्त ज़िंदगी से दूर महेंद्रगिरी पर्वत, पर्यटकों को सुकून भरा अनुभव कराता है.
खंडगिरी और उदयगिरी
ओडिशा में खंडगिरी और उदयगिरी, यहां मौजूद गुफ़ाओं के लिए जाने जाते हैं. खंडगिरी में 15 गुफ़़ाएं हैं, जबकि उदयगिरी में 18 गुफ़़ाएं हैं. इन गुफ़ाओं की दीवारों पर ख़ूबसूरत कलाकृतियां बनी हुई हैं. ये गुफ़़ाएं ओडिशा की धार्मिक विरासत को दिखाती हैं.
अगर आपने घूमने का मन बना लिया है, तो ओडिशा आपके स्वागत में हमेशा तैयार है. तो इंतज़ार मत कीजिए और निकल पड़िए देश के इस ख़ूबसूरत हिस्से को महसूस करने के लिए.