‘मम्मी मेरी हरी शर्ट नहीं मिल रही.’

‘मम्मी सिरदर्द कर रहा है.’ 
‘मम्मी मुझे कभी सही नौकरी नहीं मिलेगी.’  

हज़ार मर्ज़ हों, दवा एक ही है… मम्मी. 
चाहे परेशानी कोई भी हो, 2 मिनट उससे बात कर लो तो सब सही हो जाता है.  

कई बार हमें ख़ुशियों की उस मूरत को छोड़कर, पढ़ाई, नौकरी के लिए दूसरे शहर जाना पड़ता है. बाहर जाकर अगर कुछ सबसे ज़्यादा याद आता है, तो वो है मम्मी. पापा का नंबर इसके बाद आता है. मम्मी-पापा की कमी तो रोज़ महसूस होती है, पर आस-पास कुछ ऐसे लोग हैं, जो मम्मी वाला ही एहसास देते हैं. 

वो लोग जो मम्मी न होते हुए भी मम्मी की तरह ही रखते हैं ख़्याल: 

1. कॉलेज सीनियर

2. हॉस्टल सीनियर 

3. ऑफ़िस का सीनियर 

4. खाना बनाने वाली आंटी  

5. पड़ोस वाली आंटी 

6. ऑटो वाले भैय्या  

7. गली के Dogs  

8. राशन की दुकान वाले अंकल 

इस मदर्स डे, उन लोगों को Wish करना न भूलें, जो मम्मी न होते हुए भी मम्मी की तरह आपका ख़्याल रखते हैं. 

Supercool Illustrations by: Saloni