दशहरा वो त्यौहार है जो तकरीबन पूरे भारत में मनाया जाता है. यहां हमने तक़रीबन इसलिए लिखा है क्योंकि देश के कुछ ऐसे हिस्से भी है, जहां पर ये त्यौहार नहीं मनाया जाता. न ही यहां पर दशहरे पर रावण का पुतला फूंकने की परंपरा है. यही नहीं, कुछ जगह पर तो रावण की पूजा भी की जाती है, तो कहीं मनाया जाता है शोक. आइए जानते हैं ऐसे ही जगहों के बारे में जहां पर दशहरे के त्यौहार पर रावण का पुतला फूंकना असुभ माना जाता है.

1. बैजनाथ कस्बा- हिमाचल प्रदेश 

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कांगड़ा ज़िले के इस कस्बे में रावण की पूजा की जाती है. कहते हैं कि यहां पर रावण ने भगवान शिव की तपस्या की थी. इससे ख़ुश होकर शिव ने रावण को मोक्ष का वरदान दिया था. यहां पर रावण के पुतले भी नहीं जलाए जाते. 

2. दशानन मंदिर- उत्तर प्रदेश 

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कानपुर के शिवाला इलाके में स्थित इस मंदिर में रावण की मूर्ती है. दशहरे के दिन इसे सजाकर उसकी आरती की जाती है. सिर्फ़ एक ही दिन के लिए इसे खोला जाता है और रावण के दर्शन करने के लिए यहां पर भीड़ उमड़ पड़ती है. 

3. लंकेश्वर महोत्सव- कर्नाटक 

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कर्नाटक के कोलार में रावण का एक मंदिर है. यहां पर हर साल दशहरे को लंकेश्वर महोत्सव मनाया जाता है. इस दौरान रावण के साथ भगवान शिव की मूर्ति का जुलूस पूरे क्षेत्र में निकाला जाता है. 

4. मंडोर- राजस्थान 

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राजस्थान के जोधपुर में मौजूद मंडोर को रावण का ससुराल कहा जाता है. यहां के श्रीमाली ब्राह्मण समाज के लोग ख़ुद को रावण का वंशज कहते हैं और रावण की पहली पत्नी मंदोदरी को अपनी बेटी. इसलिए यहां पर दशहरे के दिन ख़ुशी नहीं, शोक मनाया जाता है. क्योंकि इस दिन उनकी बेटी विधवा हो गई थी. 

5. विदिशा- मध्य प्रदेश 

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इसे भी मंदोदरी का जन्मस्थान माना जाता है. यहां के लोग दशहरे के दिन रावण की मूर्ति की पूजा-अर्चना करते हैं. शादी जैसे शुभ अवसर पर मूर्ति से आशीर्वाद भी लेते हैं. 

6. काकिनाड- आंध्र प्रदेश 

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आंध्र प्रदेश के इस इलाके में भी रावण का मंदिर है. यहां पर दशहरे के दिन रावण और भगवान शिव की पूजा की जाती है. 

7. अमरावती- महाराष्ट्र 

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अमरावती के गढचिरौली में रहने वाले आदिवासी रावण को पूजते हैं. वो रावण को उनका कुल देवता मानते हैं. 

8. मंदसौर- मध्य प्रदेश 

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मंदसौर में रावण रुण्डी नाम से रावण की विशाल मूर्ति मौजूद है, जिसकी पूजा की जाती है. कहते हैं कि ये रावण का सबसे पहला मंदिर है. यहां के लोग रावण को मंदसौर का दामाद मानते हैं. कहते हैं कि मंदोदरी के नाम पर ही इसका नाम मंदसौर पड़ा. 

9. बिसरख- उत्तर प्रदेश

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नोएडा के इस इलाके में दशहरे के दिन रावण की आत्मा की शांति के लिए यज्ञ किया जाता है. 

10. कुल्लू- उत्तराखंड

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यहां का दशहरा दुनियाभर में फ़ेमस है. यहां पर रावण, मेघनाथ और कुंभकरण के पुतले नहीं जलाए जाते. इसके अलावा यहां पर सात दिनों तक ये उत्सव मनाया जाता है. इस दौराना भगवनान रघुनाथ की शोभायात्रा भी निकाली जाती है. 

तो देखा आपने हमारे ही देश में कहीं दशहरा मनाते हैं, तो कहीं नहीं. देश की यही विविधता ही हमारे देश को अतुल्य बनाती हैं. क्यों है कि नहीं?

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