वैसे तो आपने कई विद्वानों की रामायण पढ़ी होंगी या उनके बारे में जानते होंगे, लेकिन अभी हाल में ही कोलकाता में एक ऐसी रामायण मिली है जो अन्य रामायणों से काफ़ी भिन्न है. इसमें भगवान राम को एक साधारण मनुष्य के तौर पर दिखाया गया है. विद्वानों के अनुसार यह रामायण छठी शताब्दी की है. इसमें कई तथ्य ऐसे हैं जिन्हें जान कर आप रामायण फ़िर से पढ़ना चाहेंगे.

1. राम कोई अवतार नहीं, बल्कि साधारण मानव थे

इस रामायण की सबसे ख़ास बात है कि इसमें भगवान राम को किसी अवतार के रूप में नहीं बल्कि एक आम मानव के रूप में दिखाया गया है. इस रामायण में भगवान राम और सीता की कहानी को बेहद मानवीय ढंग से पेश किया गया है.

2. छठी शताब्दी की यह रामायण बहुत मुश्किल से मिली है

जर्मनी के एक विद्वान जब रामायण के बारे में लिख रहे थे तभी उनकी नज़र कोलकाता की एशियाटिक लाइब्रेरी में पड़ी छठी शताब्दी की रामायण पर पड़ी. इसके बाद उन्होंने इसके तथ्यों को देखना शुरू किया तो पता चला कि ये रामायण तो दूसरी रामायण से पूरी तरह अलग है.

3. ऐसी ही एक रामायण लंदन में है

जर्मनी के विद्वान का कहना है कि इस तरह की रामायण पूरे विश्व में दो हैं. एक की खोज तो भारत में हो गई है और दूसरी रामायण लंदन स्थित इंडिया ऑफिस लाइब्रेरी में होने की संभावना है.

4. लाइब्रेरी के अध्यक्ष भी हैरान हैं

एशियाटिक सोसायटी के अध्यक्ष मानवेंदू बंधोपाध्याय हैरान होते हुए कहते हैं कि ‘रामायण के इस रूप में राम को एक साधारण पति के रूप में और सीता को एक आम महिला के रूप में दिखाया गया है’.

5. तथ्य सही है तो कहानी झूठ कैसे?

छठी शताब्दी में मिली इस रामायण के अनुसार राम एक आम इंसान थे. लेकिन अन्य रामायण के रचयिताओं के अनुसार राम को एक आदर्शवादी पुत्र, न्यायप्रिय राजा और न जाने कितने विशेषणों के साथ दिखाया गया है. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि बाकि सभी रामायण से यह अलग कैसे है?

इतिहास देखा जाए तो भगवान राम का अस्तित्व कई सदियों से इस पृथ्वी पर रहा है. और इसी वजह से कई लोग उनकी पूजा करते हैं. पुराणों में भगवान राम को एक आदर्श चरित्र वाले व्यक्तित्व के रूप में दिखाया गया है. वहीं मां सीता को एक संपूर्ण स्त्री के रूप में. फ़िलहाल इस रामायण में राम के अस्तित्व पर कोई सवाल नहीं उठाया गया है. सिर्फ़ उन्हें एक आम मनुष्य के रूप में दिखाया गया है.