यूं ही महिलाओं को शक्ति का रूप नहीं कहा जाता है. उनके अंदर जो क्षमता और हिम्मत होती है, उसे उनके आंसुओं से कभी मत आंकना, क्योंकि वो रोती भी है तो खुद को इकठ्ठा करने के लिए. अपने आप में वो पूरी परिभाषा है, हर भाव की. इस ख़बर को पढ़ने के बाद आप भी मेरी इस बात से इत्तेफ़ाक ज़रूर रखेंगे.
21 फरवरी को पुणे में होने वाले महानगर पालिका चुनावों के लिए प्रचार का दौर जारी है. इस बीच राज ठाकरे की पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना की कैंडिडेट ने दो दिन पहले चुनाव प्रचार के दौरान एक बच्चे को जन्म दिया और डिलीवरी के 12 घंटे बाद ही चुनाव प्रचार में लौट आईं.
5 मार्च को थी डिलीवरी की डेट
पुणे के वार्ड नंबर 15 से महाराष्ट्र नव निर्माण सेना के टिकट पर चुनाव लड़ रही रुपाली 9 महीने की गर्भवती थीं. गर्भवती होने के बावजूद उन्होंने चुनाव प्रचार नहीं छोड़ा था. डॉक्टर ने डिलीवरी की डेट 5 मार्च बताई थी. इसलिए रुपाली बिना किसी डर के दिन में कई घंटे प्रचार करती थीं. शनिवार सुबह वे जैसे ही चुनाव प्रचार के लिए निकली, उन्हें प्रसव पीड़ा होने लगी. उन्हें तुरंत एक प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया और हॉस्पिटल में आते ही रुपाली की डिलीवरी हुई.
सिर्फ़ 12 घंटे में लौटी मैदान में
हॉस्पिटल में रुपाली ने नॉर्मल तरीके से एक तंदरुस्त बेटे को जन्म दिया. रुपाली की 6 साल की एक बेटी भी है. अब पार्टी वर्कर्स ने चुनाव मैदान में पैदा हुए इस बच्चे का नाम ‘रणसंग्राम’ रखने की मांग की है. डिलीवरी के 12 घंटे के बाद ही रुपाली फिर एक बार पूरे जोश के साथ चुनाव मैदान में कूद पड़ी हैं.
रुपाली का कहना है कि, ‘अगर गांवों में महिलाएं डिलीवरी के बाद तुरंत खेतों के काम में जुट सकती हैं तो शहर में इतनी सुविधा होने के बाद वे क्यों प्रचार के लिए नहीं जा सकतीं?’