‘जय जवान जय किसान’ का नारा देने वाले देश के दूसरे और एक मज़बूत प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी का जन्म 2 अक्टूबर 1904 को हुआ था. आजादी के बाद प्रधानमंत्री बने जवाहर लाल नेहरू की कार्यकारी मंत्री मण्डल में उन्हें रेल और परिवहन का पद मिला. उस वक़्त बंटवारे के कारण रेल की हालत काफ़ी खराब थी. तब लाल बहादुर शास्त्री जी अपनी मेहनत से पटरी से उतरी रेल व्यवस्था को पटरी पर वापस ले आए . लाल बहादुर शास्त्री के बारे में न जाने कितने ऐसे तथ्य हैं जिनके बारे में हम नहीं जानते. उनका पूरा जीवन देश और उसको आगे बढ़ाने में व्यतीत हुआ. आईए देश के इस लाल के बारे में उनके जन्म दिवस पर कुछ जानते हैं जिससे हम आज तक अनजान थे.

1. शास्त्री जी का जन्म उत्तर प्रदेश के मुगलसराय जिले में हुआ था.

2. जब शास्त्री जी की उम्र 1 साल थी तब उनके पिता का निधन हो गया था.

3. इसके बाद वो अपने नाना के घर मिर्ज़ापुर आ गए थे, और उनकी पढ़ाई भी वहीं हुई.

4. उन्होंने शिक्षा के दौरान अपने नाम के पीछे से जाति सूचक नाम हटा दिया था, और शास्त्री जोड़ लिया था.

5. 1921 में गांधी जी के असहयोग आंदोलन में हिस्सा लेने के कारण वो जेल भी गए, लेकिन सिर्फ़ 17 साल की उम्र होने के कारण उन्हें छोड़ दिया गया था.

6. 1930 के सविनय अवज्ञा आंदोलन में उन्हें एक बार फ़िर जेल हुई.

7. लाल बहादुर शास्त्री के आज़ादी की लड़ाई में कूदने के बाद उन्होंने 9 साल जेल में बिताए थे.

8. आज़ादी के बाद बने पहले मंत्री मंडल में उन्हें रेल और परिवहन मंत्रालय मिला.

9. अपने कार्यकाल में हुए एक रेल हादसे के लिए खुद को दोषी बता कर उन्होंने रेल मंत्रालय छोड़ दिया था. ये उनकी मानवता का एक उदाहरण था.

10. बहुत कम लोग ये बात जानते हैं कि परिवहन में जो आप महिलाओं के लिए आरक्षित सीट देखते हैं उसकी शुरुआत भी लाल बहादुर शास्त्री ने की थी.

11. ये बात भी बहुत कम लोग जानते हैं कि भीड़ को हटाने के लिए वॉटर कैनन की शुरुआत भी शास्त्री जी ने ही की थी.

12. प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के निधन के बाद उनकी बेटी इंदिरा गांधी को प्रधानमंत्री बनाने की बात उठी, लेकिन उनके मना करने के बाद शास्त्री जी को इस पद के लिए चुना गया.

13. जब शास्त्री जी प्रधानमंत्री बने, तब देश के हालात बद-से-बद्दतर थे. 1965 में पाकिस्तान ने भारत पर हमला कर दिया था और देश में अनाज की भी भारी कमी हो गई थी. तभी उन्होंने ‘जय जवान जय किसान’ का नारा दिया.

14. 1965 पाकिस्तान युद्ध के दौरान चीन ने भारत की मदद का वादा किया था लेकिन वो मुकर गया. शास्त्री जी जानते थे कि इस मुसीबत से कैसे निकला जाए और उनके कुछ फ़ैसलों ने इस लड़ाई का पूरा परिणाम ही बदल दिया. पहली बार भारतीय आर्मी का लोहा पूरी दुनिया ने माना था.

15. 1965 की पाकिस्तान के खिलाफ़ जीत ने लाल बहादुर शास्त्री जी को एक मज़बूत प्रधानमंत्री के रूप में पूरी दुनिया के सामने पेश किया.

16. शास्त्री जी की मृत्यु आज तक एक रहस्य बनी हुई है. ताशकन्द समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद चीन में हार्ट अटैक से उनकी मौत हो गई. उनके इस अकस्मात निधन ने कई सवाल खड़े किए. उनके घर वाले और कई राजनीतिज्ञ मानते थे कि उनकी हत्या ज़हर दे कर की गई थी.

भारत के इस कर्मठ और निष्ठावान नेता को Scoopwhoop हिंदी की पूरी टीम की तरफ़ से शत-शत नमन.