जब ज़िन्दगी कुछ ज़्यादा परेशान करने लगे तो शेर-ओ-शायरी का दरवाज़ा खटखटाना चाहिए. 


इश्क़ की भाषा, उर्दू में एक से एक शायरों ने अपने जज़्बात दर्ज़ किए हैं. ऐसे ही हैं एक शायर हैं इफ़्तिख़ार आरिफ़.
आरिफ़ हुसैन आरिफ़ का जन्म में 21 मार्च. 1943 को हुआ. उन्होंने उर्दू, अंग्रेज़ी और संस्कृत में शिक्षा प्राप्त की. एक रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने लखनऊ विश्वविद्यालय से 1965 में एम.ए किया, इसके बाद न्यू यॉर्क यूनिवर्सिटी से जर्नलिज़्म किया. आरिफ़ ने रेडियो पाकिस्तान में काम किया. वे पाकिस्तान अकैडमी ऑफ़ लेटर्स और द नेशनल लैंग्वेज अथॉरिटी के हेड भी रह चुके हैं.

आज पढ़िए आरिफ़ साहब के 10 शेर-