सोचो ज़रा, आप अभी-अभी नहा कर निकले हो और एक बेवक़ूफ़ गाड़ीवाला आप पर पानी के छीटें उड़ा कर चला जाए. या फिर रात को थक-हार कर आप ऑटो से घर पहुंचे हो, आपने ऑटोवाले को नोट पकड़ाया और वो बोले कि ‘अरे भाईसाहब, मेरे पास खुल्ले नहीं हैं’. ये सब छोटी-छोटी बातें हैं, हर रोज़ होती हैं और हर रोज़ हमें परेशान करती हैं. लेकिन शायद हमने इन बातों के साथ जीना सीख लिया है. ऐसी ही रोज़मर्रा की कई बातें मैं आपको बताऊंगा जो आपको गुस्सा दिलाती हैं, लेकिन जीना भी सिखाती हैं.

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सारी-की-सारी बातें साहब दिल से निकली हैं, तो दिल से शेयर करना इस आर्टिकल को.