हम अकसर सुनते हैं कि फ़लानी जगह पर महिलाओं का प्रवेश वर्जित है. या फिर अकसर हमने ये सुना होगा कि वहां जाना स्त्रियों को शोभा नहीं देता. एंट्री पर निषेद सिर्फ़ महिलाओं पर नहीं, पुरुषों पर भी है. इस पितृसत्तात्मक समाज में कुछ ऐसी जगहें ऐसी भी हैं, जहां पुरुषों का जाना या तो पूरी तरह से वर्जित है, या फिर साल में एक ख़ास वक़्त पर पुरुषों की एन्ट्री पर प्रतिबंध लगा दिया जाता है.
जानते हैं कुछ ऐसी ही जगहों के बारे में जहां पुरुषों के लिए है नो एंट्री:
1) Ima Keithal/Mother’s Market
Ima Keithal, मणिपुर का एक बाज़ार है. देश के किसी अन्य बाज़ार की तरह ही यहां भीड़ और उग्र स्वर में अपना सामान बेचते विक्रेता नज़र आते हैं. लेकिन देश के बाकी बाज़ारों से ये बहुत भिन्न है. इम्फ़ाल स्थित ये बाज़ार 500 साल से भी पुराना है. यहां की सबसे ख़ास बात, यहां दुकानें सिर्फ़ महिलाएं ही लगाती हैं. इस बाज़ार में सिर्फ़ शादीशुदा महिलाएं ही अपनी दुकान लगाती हैं.
आज़ादी से पहले ब्रिटिश सरकार और पुरुषों ने कई बार इस बाज़ार को उजाड़ना चाहा. ऐसे वक़्त में औरतों ने एकजुट होकर हर बाहरी ख़तरे से इस बाज़ार की रक्षा की.
कुछ लोग इसे एशिया का ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में महिलाओं का सबसे बड़ा बाज़ार मानते हैं.
2) केन्या का उमोजा गांव
हर गांव की तरह ही है ये गांव, फ़र्क बस इतना है कि यहां रहती हैं केवल महिलाएं. पुरुषों का यहां की सीमा-रेखा के आस-पास जाना भी वर्जित है.
यहां रहने वाली महिलाएं रेप, घरेलु हिंसा की सर्वाइवर्स हैं. ऐसी महिलाएं रहती हैं, जिनको समाज के रूढ़ीवादी नियम-क़ानून ने अपने ही घर से बेदखल कर दिया.
1990 के आस-पास इस गांव की संस्थापना 15 महिलाओं ने की थी. ब्रिटिश सैनिकों ने इन 15 महिलाओं के साथ दुष्कर्म किया था.
टूरिस्ट्स का इस गांव की औरतें सहर्ष स्वागत करती हैं. टूरिस्ट्स को वे Jewellery बनाकर बेचती हैं.
2015 में The Guardian में छपी रिपोर्ट के मुताबिक यहां 47 औरतें और 200 बच्चे रहते हैं. अब यहां ऐसी लड़कियां भी रहती हैं, जो बाल-विवाह या Female Genital Mutilation से ख़ुद को बचाने में कामयाब हो गई हों.
इसके अलावा भारत में कई मंदिर हैं, जहां पुरुषों का प्रवेश पूरी तरह से या फिर साल में एक निश्चित तिथी के समय वर्जित रहता है.
3) ब्रह्मा मंदिर, पुष्कर
हिन्दू धर्म में ऐसी मान्यता है कि ब्रह्मा ने पूरी सृष्टी का निर्माण किया. लेकिन ब्रह्मा की पूजा नहीं की जाती. पुष्कर में ही ब्रह्मा का इकलौता मंदिर है. 14वीं शताब्दी के इस मंदिर में शादीशुदा पुरुषों का जाना वर्जित है.
4) Chakkulathukavu Temple, Kerala
इस मंदिर में पुरुषों का आगमन साल भर के लिए वर्जित नहीं रहता. संक्राति त्योहार के समय, नारी-पूजा के दौरान और धनुर मास में धनु-पूजा के दौरान इस मंदिर में पुरुषों का प्रवेश वर्जित रहता है. इस दौरान मंदिर का पूरा कार्यभार स्त्रियां संभालती हैं. ऐसी मान्यता है कि विशेष पूजा के समय पुरुषों का प्रवेश देवी को क्रोधित कर सकता है.
5) कन्या कुमारी मंदिर, तमिलनाडु
हिन्दू धर्म में मान्यता है कि जब विष्णु ने सती के शरीर को खंडित किया, तब उसकी रीढ़ की हड्डी यहां पर गिरी. इसलिए ये मंदिर भी एक शक्ति पीठ है. मान्यता है कि इस मंदिर में भगवथी देवी का वास है और वो सन्यासी है. इसलिये इस मंदिर में अविवाहित पुरुषों का जाना वर्जित है.
6) अट्टुकल मंदिर, केरल
कन्नकी (भद्रकाली) के इस मंदिर में पोंगल का सबसे बड़ा आयोजन किया जाता है, जिसमें 30 लाख से भी ज़्यादा महिलाएं भाग लेती हैं. किसी धार्मिक उत्सव में इतनी सारी महिलाओं का एक साथ सम्मेलन होने के कारण इस आयोजन को गिनीज़ बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में भी स्थान मिला है. अत्तुकल महोत्सव 10 दिनों तक मनाया जाता है और इस दौरान मंदिर में पुरुषों का प्रवेश वर्जित रहता है.
7) लिंग भैरवी मंदिर, तमिलनाडु
कोयंबटूर स्थित इस मंदिर में कुछ रस्मों में पुरुष भाग नहीं लेते. मंदिर के गर्भ-गृह में पुरुषों का प्रवेश पूर्ण रूप से वर्जित है.
ऐसे ही कई और मंदिर भी हैं जहां पुरुषों का प्रवेश अनिष्ट का सूचक माना जाता है. एक तरफ़ तो समाज में महिलाओं के लिए कई दकियानूसी नियम हैं. लेकिन पुरुष भी ऐसे नियमों से अछूते नहीं हैं.