देश में चुनाव लगभग अपने अंतिम चरण पर हैं. राजनैतिक पार्टियों के अजेंडे और राजनेताओं के बड़े-बड़े वादों का जनता पर कितना असर पड़ा है, ये तो 23 मई को ही पता चलेगा.
इस बार के लोकसभा चुनाव कई वजहों से ख़ास रहे हैं, जिसमें पहली ये थी कि एक बड़ी संख्या में First Time वोटर वोट करने वाले थे. ज़ाहिर तौर पर चुनावी मुद्दे में रोज़गार की बात होनी चाहिए. नेताओं ने युवा वोटर्स को लुभाने के लिए अलग-अलग रैलियों में नौकरियों के वादे भी किये.
नौकरी को लेकर बिहार के काराकाट से समाजवादी पार्टी नेता, घनश्याम तिवारी भी एक अनोखा कैंपेन चला रहे हैं. इस कैंपेन के तहत उनका वादा है कि सत्ता में आने पर वो एक लाख युवाओं को रोज़गार दिलवाएंगे. अपनी इस मुहिम के लिए वो अपने संसदीय क्षेत्र के बेरोज़गार युवाओं के CV/ बायो डाटा जुटा रहे हैं.
समजावादी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता होने से पहले घनश्याम तिवारी, हार्वर्ड से पढ़ाई कर चुके हैं.
घनश्याम तिवारी ने PM मोदी को एक ओपन लेटर लिखते हुए कहा, ‘आप और आपकी (बीजेपी) पार्टी ये दावा करती है कि देश भर के कई युवाओं के पास नौकरियां हैं लेकिन आपके पास इसका कोई डाटा नहीं है. और जो भी कोई इस मुद्दे पर सरकार से सवाल करता है, उसे देशद्रोही करार कर दिया जाता है.
प्रधानमंत्री को लिखे अपने इस ओपन लेटर में तिवारी ने कहा उन्हें PM की तरफ़ से समय दिया जाए ताकि वो इलेक्शन के दौरान या इलेक्शन के बाद एक लाख बायो डाटा इकट्ठे कर उन्हें दे सकें.
तिवारी को उनके ट्विटर अकाउंट पर इस कैंपेन के लिए भी सपोर्ट मिल रहा है. आने वाली 19 मई को बिहार की कुछ लोकसभा सीटों पर मतदान होना है, जिनमें तिवारी के संसदीय क्षेत्र काराकाट सहित सासाराम और बक्सर शामिल हैं. घनश्याम तिवारी अपनी इस लिस्ट में समाज के सभी समुदायों के बेरोज़गार युवाओं को शामिल कर रहे हैं.
Friends, we are live with seeking support for the campaign.
— Ghanshyam Tiwari (@ghanshyamtiwari) April 29, 2019
My agenda as a candidate for Parliament is to help every girl in Karakat graduate high school and help 1 lakh youth in Karakat find jobs.Please support fund raise and share.#FundRaiseForGhanshyam https://t.co/pijUAEKlkH
तिवारी की मंशा नेक है, देखते हैं उन्हें ये सपोर्ट वोट के रूप में मिलता है या नहीं.