मंगलुरू सिटी की 34 वर्षीय शिल्पा ‘Halli Mane Rotties’ नाम से अपना फ़ूड ट्रक चलाती हैं. उनकी कहानी जितनी दिलचस्प है उतनी ही प्रेरणादायक भी. Hassan की रहने वाली शिल्पा एक कृषक परिवार से हैं. 2005 में वे अपने पति के साथ मंगलुरू शिफ़्ट हो गईं.
सब ठीक चल रहा था. लेकिन फरवरी 2008 में उनके पति काम के सिलसिले में बेंगलुरू गए थे और फिर गुमशुदा हो गए. सबने मिलकर ढूंढा, पुलिस में भी शिकायत दर्ज करवाई गई लेकिन कोई फ़ायदा नहीं हुआ.
पति के लापता होने के बाद शिल्पा अवसाद ग्रसित हो गईं. उनके के माता-पिता भी बीमार रहने लगे. अपने माता-पिता, 3 साल के बेटे और भाई के पालन-पोषण का दायित्व शिल्पा के कंधों पर आ गया.
अपने अलावा 4 लोगों के पालन के लिए शिल्पा ने सबसे पहले एक साइबर कैफ़े में काम किया, उसके बाद एक कॉस्मेटिक स्टोर में सैल्सवुमन की तरह काम किया. लेकिन उनकी आय बहुत थी.
एक दिन घर वाले बैठकर बातें कर रहे थे और सभी शिल्पा के खाने की तारीफ़ कर रहे थे, ख़ासकर उनके द्वारा बनाए गए उत्तरी कन्नडा खाने की. उसी समय शिल्पा को Food Joint खोलने का आईडिया आया.
उन्होंने अपने भाई को राज़ी किया और दोनों ने Food Joint शुरू किया. बिना पैसों के कोई भी बिज़नेस नहीं चल सकता.अपने बेटे की पढ़ाई के लिए शिल्पा ने 1 लाख रुपये बचाकर रखे थे, मजबूर होकर उन्होंने बैंक से वो 1 लाख रुपये निकाले और एक महिन्द्रा बोलेरो पिक-अप ट्रक ख़रीदा और उसी में अपना Food Joint शुरू किया.
जैसा कि अकसर हमारे समाज में होता है, शिल्पा को भी लोगों के ताने सुनने पड़े. शिल्पा ने बताया,
सबसे ज़्यादा हमें इस बात के लिए ताने मिले कि हम दक्षिण कन्नड में उत्तरी कन्नड के खाने की दुकान खोल रहे थे. हमें भी अपने Food Joint की सफ़लता पर शक़ था. पर मैं मजबूर थी, क्योंकि मैं सिर्फ़ उत्तरी कन्नड खाना ही बनाना जानती थी
शिल्पा ने 2015 में अपना Food Truck बिज़नेस खोला और उसकी सफ़लता पर ख़ुद शिल्पा को भी यक़ीन नहीं हुआ. शिल्पा शाम 4 बजे से रात के 10 बजे तक अपना Food Joint खोलती हैं. इससे रोज़ाना 3 से 7 हज़ार रुपये के बीच कमाई हो जाती है.
अपने ग्राहकों के बारे में बात करते हुए शिल्पा ने कहा,
80% ग्राहक दक्षिण कन्नड के ही होते हैं. डॉक्टर, छात्र, IT, हर क्षेत्र के लोग मेरे Food Truck पर घर का खाना खाने आते हैं.
कुछ छात्रों ने शिल्पा के फ़ूड ट्रक को गूगल मैप्स पर डाल दिया है, जिससे शिल्पा को ऑनलाइन मौजूदगी मिल गई.
इस गृहणी के फ़ूड ट्रक पर मिलने वाली हर चीज़ उनके घर से ही आती है, यानि की पौष्टिकता और शुद्धता की पूरी गैरंटी रहती है. शिल्पा के भाई चिरंजीवी ने सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी छोड़ दी है और वो भी अब शिल्पा की पूरी मदद करते हैं.
फरवरी में शिल्पा एक दूसरा Outlet खोलने की सोच रही हैं.
महिन्द्रा के सीईओ आनंद महिन्द्रा की नज़र शिल्पा की कहानी पर पड़ी. आनंद महिन्द्रा ने शिल्पा के फ़ूड ट्रक में निवेश करने का निश्चय किया. आनंद महिन्द्रा ने शुक्रवार को ट्विटर पर लिखा:
हफ़्ते के अंत में Entrepreneurship की एक ज़बरदस्त कहानी पढ़ने को मिली. हम महिन्द्रा में इसे ‘Rise Story’ कहते हैं. मैं बहुत ख़ुश हूं कि महिन्द्रा बोलेरो ने उनके बिज़नेस में एक छोटी सी भूमिका निभाई. क्या कोई उन्हें बतायेगा कि मैं उनके बिज़नेस में निवेश करना चाहता हूं. मैं उनके दूसरे Outlet के लिए बोलेरो देना चाहता हूं.
A terrific story of entrepreneurship to end the week with.At Mahindra,we call this a Rise story. Am so delighted the Bolero played a small role. Can someone reach her & tell her I will personally invest in her expansion by supplying a Bolero for the second outlet she’s planning? https://t.co/1J4fcLxdUg
— anand mahindra (@anandmahindra) December 29, 2017
आनंद ने ये भी कहा कि शिल्पा को उनकी चैरिटी की आवश्यकता नहीं. वो ख़ुद एक कामयाब Entrepreneur हैं. मैं तो बस उनके बिज़नेस में निवेश करना चाहता हूं.
I don’t think she wants or needs my charity. She is a successful entrepreneur. I am offering to invest in her expansion… https://t.co/1BSVcgHAtg
— anand mahindra (@anandmahindra) December 29, 2017
ट्विटर यूज़र्स ने भी आनंद महिन्द्रा के इस निर्णय की सराहना की.
इस होममेकर की कहानी हम सबके लिए प्रेरणा है. अगर हमें सुबह का सूरज देखना नसीब हो रहा है तो इसका मतलब है कि ये नई शुरुआत का एक मौका है. मुसीबतें कितनी भी हों, इरादें बुलंद हो तो क़ामयाबी हासिल हो ही जाती है.