जेनरेशन नेक्स्ट के बारे में अक्सर ये कहा जाता है कि ये पीढ़ी Wanderlust से ग्रस्त है और ट्रैवलिंग और रोड ट्रिप्स जैसी चीज़ों को लेकर हमेशा उत्साहित रहती हैं. बेहतर होते इंफ्रास्ट्रक्चर और तकनीक की वजह से भी अब एक जगह से दूसरी जगह जाना काफ़ी आसान हो गया है. इसलिए आज का युवा पिछली कई पीढ़ियों से कहीं ज़्यादा घूम-फिर रहा है.
लेकिन ट्रैवल प्रेम उम्र देख कर नहीं होता और दुनिया में ऐसे कई लोग भी हैं, जो अधेड़ अवस्था में पहुंचने के बावजूद दुनिया घूमने के अपने सपने को साकार कर रहे हैं.
दिल्ली की ये महिलाएं भी इस मामले में लोगों के लिए प्रेरणास्त्रोत हैं और बनी-बनाई धारणाओं और स्टीरियोटाइप्स को तोड़ने में कामयाब रही हैं. नीरू गांधी (60), मोनिका चनाना (51), सरिता मनोचा (61) और प्रतिभा सभरवाल (61) दिल्ली में रहने वाली गृहणियां हैं, मगर उम्र के इस पड़ाव पर भी वे अपनी रोड ट्रिप्स से कई लोगों को चौंकाने का काम कर रही हैं.
केवल रोड ट्रिप्स ही नहीं, बल्कि सोशल मीडिया पर भी इन महिलाओं की अच्छी खासी पहचान है. ये अपनी यात्रा से जुड़े अनुभवों को एक ब्लॉग की भी शक्ल दे चुकी हैं. इसके अलावा फेसबुक पर ये Age No Bar से एक पेज भी चलाती हैं.
- ये पेज इन महिलाओं की शानदार यात्राओं के अनुभवों से पटा पड़ा है. वीडियो, तस्वीरों और स्टेट्स के द्वारा इन रोमांचक पलों को महसूस किया जा सकता है. कई लोग इन महिलाओं को देखकर अक्सर अचरज में पड़ जाते हैं कि उम्र के इस पड़ाव पर भी इतनी लंबी यात्राओं के लिए ये महिलाएं आखिर कैसे इतनी हिम्मत जुटा पाती हैं?
- मार्च 2016 में इन तीन महिलाओं ने अपने जीवन की पहली रोड ट्रिप की शुरुआत की थी. दिल्ली से रामेश्वरम की 4400 किमी की इस यात्रा को 23 पड़ावों के साथ इन्होंने 29 दिनों में पूरा किया.
खास बात ये रही कि ट्रिप पर आने वाली परेशानियों के लिए ये महिलाएं पहले से ही तैयार थी. कार ठीक करने से लेकर रोड पर आने वाली हर दिक्कत के लिए वे पहले ही अपने लाव-लश्कर के साथ मौजूद थी.
यही कारण था कि टायर फटने, ब्रेक पैड ख़राब होने या फिर कार के खराब होने पर ये लोग घबराए नहीं, बल्कि इसका आसानी से समाधान निकालने में कामयाब रहे. कार ठीक करने के अलावा इन लोगों ने कई गैजेट्स यानि डौंग्लस, सेल्फ़ी स्टिक्स, कैमरा, हार्ड डिस्क और ट्राईपॉड का इस्तेमाल करना भी सीख लिया है. यही नहीं, ये Tech Freak औरतें ये भी जानती थी कि अपनी ट्रिप के दौरान कहां रुकना सबसे ज़्यादा सही होगा और कहां सबसे बेहतरीन खाना मिल सकता है.
इस साल 6 मार्च को भी इन महिलाओं ने राजस्थान से गुजरात की ट्रिप पर जाने का फ़ैसला किया था. हालांकि इस साल सरिता , नीरु, मोनिका और प्रतिभा का साथ नहीं दे पाई थी, लेकिन इसमें कोई शक नहीं कि ये क्रेज़ी ट्रैवलर्स अपने अनुभवों से आगे भी लोगों के लिए प्रेरणा बनी रहेंगी.