एक शहर अपने भीतर न जाने कितने समय समेटे चलता है. आगे बढ़ते क़दम लगातार पीछे छूटते निशानों को सहेजते रहते हैं. उसे पता है कि अब लौटना नहीं, लौट सकता नहीं. फिर भी यादों के झरोखे से ख़ुद को निहारने की ललक छोड़ नहीं पाता. क्या करें, ख़ुद को महसूस करना है भी बेहद ख़ूबसूरत एहसास. 

ज़रा कल्पना कीजिए, जिन शहरों को आज हम अपनी आंखों के सामने बेधड़क दौड़ते पाते हैं, उनकी चाल आज से सौ साल पहले कैसी रही होगी. यकीनन उसके दामन पर कुछ सितारे कम होंगे, कुछ रंग ताज़ा तो कुछ भरे जाने के इंतज़ार में होंगे. आने वाले कल से कम होशियार और बीते कल से कुछ ज़्यादा चालाक मालूम पड़ता होगा. बिल्कुल इस जयपुर शहर की तरह. जयपुर शहर की ये तस्वीरें आज से क़रीब 140 साल पुरानी हैं. 

1-प्रतिष्ठित हवा महल या हवा का महल, महाराजा सवाई प्रताप सिंह ने 1799 में बनवाया था. ये तस्वीर वर्ष 1880 में ली गई थी. 

2-राजस्थान की महारानी गायत्री देवी की तस्वीर, जिसे 1940 में फोटोग्राफर Cecil Beaton द्वारा ख़ींचा गया था. 

3-इस राजस्थानी शाही ऊंट की अपने केयर टेकर के साथ साल 1900 में तस्वीर क्लिक की गई थी. 

4-1870-80 में क्लिक की गई तस्वीर स्कूल में पढ़ने वाली लड़कियों की है, जिसमें देखा जा सकता है कि उस समय की लड़कियां कैसे पढ़ती थीं. 

5-जयपुर के सिटी पैलेस में बना चंद्र महल. ये तस्वीर वर्ष 1870 में ली गई थी. 

6- वर्ष 1860 में ली गई तस्वीर जिसमें अंग्रेज हाथी पर बैठे हैं. 19 वीं शताब्दी में भी राजस्थान अपने पर्यटन के लिए प्रसिद्ध था. 

7-चानपुरी गेट जयपुर के प्रसिद्ध सात द्वारों में से एक है. इस गेट के ठीक सामने सूरजपोल गेट है. ये तस्वीर वर्ष 1907 की है. 

8- ये तस्वीर वर्ष 1910 में लिए गए जयपुर शहर के मुख्य बाज़ार की है. 

9- जयपुर में प्रसिद्ध जंतर-मंतर की तस्वीर 1932 में क्लिक की गई. दिल्ली, जयपुर, उज्जैन, मथुरा, वाराणसी सहित 5 विभिन्न स्थानों पर महाराजा सवाई जय सिंह द्वारा इसे बनाया गया था. जयपुर का जंतर मंतर सभी में सबसे बड़ा है. 

10- जयपुर का अल्बर्ट हॉल संग्रहालय वर्ष 1900 में इस तरह दिखता था. हॉल का नाम 1876 में रखा गया था, जब प्रिंस ऑफ़ वेल्स ने जयपुर का दौरा किया था. 1880 में महाराजा सवाई माधव सिंह ने एक औद्योगिक कला संग्रहालय के रूप में हॉल की शुरुआत की. 

Image Sources: Jaipurcityblog