कभी ये Boycott करो. कभी वो Boycott करो. इस देश में जितनी तेजी से Boycott चलता है, उतनी तेज़ी से तो सुपरफ़ास्ट ट्रेन भी नहीं भागती. आखिर करें भी तो क्या करें, देशवालों की भावनाएं जो इतनी जल्दी आहत हो जाती हैं. अब Boycott भी किसी क़ायदे की चीज़ के लिये हो, तो हर्ज़ नहीं है. पर अब तो बिना सोचे समझे किसी भी चीज़ को लेकर Boycott करने लगते हैं. ऐसा लगता है जैसे अब ये एक ट्रेंड सा बन गया है, जो हर चौथे दिन Boycott का हो-हल्ला होने लगता है.

पिछले 2 महीनों में लोगों ने उन चीज़ों को लेकर Boycott ट्रेंड कराया, जिनकी ज़रूरत भी नहीं थी. अगर आराम से बैठ कर इन मुद्दों के बारे में सोचा जाये, तो बस Boycott जैसी चीज़ें बकवास लगती हैं. आइये जानते हैं कि पिछले कुछ दिनों में हमने किन-किन मुद्दों पर अपना क़ीमती टाइम वेस्ट किया है.

1. मिर्ज़ापुर-2 

7 अक्टूबर की बात है, जब सोशल मीडिया पर मिर्ज़ापुर 2 के बाहिष्कार का हल्ला मचा हुआ था. वो भी इसलिये, क्योंकि सीरीज़ के ज़्यादातर स्टार्स पिछले साल CAA के प्रोटेस्टर्स के सपोर्ट में खड़े हुए थे.  

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2. TIME

देश की आधे से ज़्यादा आबादी ने भले ही अब तक टाइम मैगज़ीन को हाथ न लगाया हो, पर बहिष्कार अभियान में बराबर शामिल थे. 24 सितंबर को सोशल मीडिया पर मैगज़ीन का विरोध इसलिये हो था, क्योंकि उसने 100 प्रभावशाली लोगों में शाहीन बाग की ‘बिलकिस बानोट’ को रखा था. दूसरी वजह ये थी कि उसमें पीएम मोदी के बारे में वो नहीं लिखा गया, जिसकी सबको उम्मीद थी. मतलब सच बताना हद नहीं है?

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3. तनिष्क

मुझे तो अब तक इस बात पर विश्वास नहीं होता कि कोई इतने ख़ूबसूरत ऐड का विरोध कैसे कर सकते हैं. 12 अक्टूबर को जब लोगों ने विज्ञापन को हिंदू विरोधी बता कर इस बहिष्कार किया, तो काफ़ी बुरा लगा. इसे लेकर इतना शोर हुआ कि बाद में विज्ञापन हटा लिया गया. 

4. Eros Now

Eros Now ने एंटरटेनिंग तरीक़े से लोगों को नवरात्री की शुभकामनाएं देने की कोशिश की. जनता को Eros Now का ये अंदाज़ रास नहीं आया और 22 अक्टूबर को लोग इसे Boycott करने लगे. 

5. फिर से तनिष्क

दिवाली से ठीक पहले तनिष्क ने एक अच्छा खासा विज्ञापन रिलीज़ किया था. विज्ञापन देख कर इतना समझ आ रहा था कि हम बिना पटाखों के भी दिवाली मना सकते हैं. पर ये तो हिंदुस्तान है. लोगों को अच्छी बातें रास कहां आती हैं. 9 नवंबर को लोगों ने दोबारा से कंपनी का विरोध शुरू कर दिया.

6. लक्ष्मी

अक्षय कुमार की ‘लक्ष्मी’ का नाम पहले ‘लक्ष्मी बॉम्ब’ था. पता नहीं जनता को बैठे-बैठे क्या सूझा कि 16 अक्टूबर को फ़िल्म के टाइटल को लेकर बवाल मचा दिया. कर्णी सेना का कहना था कि ये हिंदू धर्म का अपमान है. अपमान का पता नहीं, लेकिन नाम बहुत सही था.

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7. बिंगो

इस विज्ञापन को एक बार नहीं बार-बार देखने पर भी आया नहीं कि आखिर इसमें ग़लत क्या है. 19 नवंबर को आये इस विज्ञापन को देख कर लोग कहने लगे कि इसमें रणवीर सिंह, अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत का मज़ाक बना रहे हैं. अब इसके लिये हम क्या ही कहें.

8. Zomato

Zomato के एक ट्वीट में रिपब्लिक टीवी का वीडियो था. जिस पर स्वरा भाष्कर ने सवाल खड़ा किया. स्वरा के सवाल पर कंपनी आधिकारिक अकाउंट से जवाब आया. उन्होंने ये साफ़ किया कि वो इस मुद्दे पर एक्शन लेंगे. लोगों को Zomato का रुख़ अच्छा नहीं लगा और बस शुरू कर दी अपनी कहानी. 

9. Amazon

10 नवंबर को पब्लिक Amazon का बहिष्कार कर रही थी. वो इसलिये, क्योंकि Amazon पर बेचे जा रहे डोरमेट जैसी चीज़ों पर ‘ओम’ बना हुआ था. जनता का कहना है ये सरासर हिंदू धर्म के प्रतीक चिन्हों का अपमान है. इसके अलावा भी बहुत सी चीज़ें थी, जो हिंदू धर्म के लोगों की भावनाएं आहत कर रही थीं. पर यहां काफी हद तक बॉयकॉट सही था.

10. Netflix

23 नवबंर की बात है, जब ‘A Suitable Boy’ सीरीज़ में मंदिर में फ़िल्माए गए कुछ सीन्स पर आपत्ति जताते हुए लोगों ने #BoycottNetlfix ट्रेन्ड करा दिया. लेकिन सोचने वाली बात ये है कि ये सीरीज़ अक्टूबर में नेटफ़्लिक्स पर रिलीज़ हुई थी और एक महीने बाद अचानक लोगों को क्या हुआ कि #BoycottNetlfix होने लगा. 

अफ़सोस इसमें एक मुद्दा भी ऐसा नहीं था, जिस पर बहस की जाए. धन्य है देश की आवाम.