आज जब 21वीं सदी के जूते पहनकर 20वीं सदी के रास्तों पर निगाह दौड़ाते हैं, तो मन न जाने कितनी यादों से भर जाता है. ख़ास तौर से तब, जब अपना सफ़र 90s से शुरू हुआ हो. उस दौर की घटनाएं हों, फ़िल्में, सीरियल्स या फिर खाने-पीने के सामान, हर चीज़ यादों को उतावला कर देती है. इन सबके साथ ही एक और ऐसी चीज़ थी, जिसने 90 के दशक में हमारी सुस्त चाल में रफ़्तार पैदा कर दी थी. वो थी, कार.   

जी हां, मारुति 800 और ओमनी जैसी कारें उस समय के दौरान सबसे लोकप्रिय थीं, क्योंकि ये एक भारतीय मध्यमवर्गीय परिवार के बजट और उद्देश्य के अनुकूल थी. इसके साथ ही ऐसी और भी कारें थीं, जिन्होंने हमारे ज़हन पर गहरी छाप छोड़ी थी. आज हम आपको ऐसी ही कारों के बारे में बताएंगे, जो 90 के दशक में बाज़ारों में शामिल हुईं और ज़बरदस्त हिट रहीं.  

1-Maruti 1000 (1990) / Maruti Esteem(1993)  

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मारुति 1000, 1990 के दशक की पहली Sedan थी. फ़ेमस मारुति 800 की उत्तराधिकारी. मारुति 1000, Suzuki Swift / Cultus का एक सेडान संस्करण था और इसने तुरंत ही लोगों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर लिया था. ये एक 1-लीटर, 4 सिलेंडर पेट्रोल इंजन द्वारा संचालित थी, जो कि मात्र 45 bhp की पावर देती थी. लेकिन कार स्पीडोमीटर पर 120 किमी/घंटा का निशान आसानी से पार कर सकती थी, जो उस समय के लिए एक बड़ी बात थी.  

बाद में इसे 1993 में एस्टीम के रूप में फिर से बनाया गया और इसका नाम बदल दिया गया. साथ ही इंजन 1.3 लीटर 4-सिलेंडर पेट्रोल इंजन की शुरुआत के साथ बदल गया, जिसने 60 bhp पावर (एक कार्बोरेटेड रूप में) शामिल था.   

2- Maruti Zen (1993)  

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मारुति सुजुकी ने 1993 में प्रीमियम हैचबैक Zen लॉन्च की। कुछ सालों में यह कार काफी पॉपुलर हो गई. एक निप्पल 993 सीसी चार सिलेंडर इंजन के साथ जोड़े गए जेलीबीन आकार के चलते इसे मिनी कूपर ऑफ इंडिया तक कहा जाने लगा. ये भीड़भाड़ वाली भारतीय सड़कों पर तेज़, हल्की और आसान ड्राइव थी.  

3- Tata Sierra (1991)  

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जिसने भी अपने शुरुआती दिनों में लोकप्रिय टीवी शो ‘CID’ देखा है, वो समझ सकता है कि ये एसयूवी उन दिनों के दौरान इतनी लोकप्रिय क्यों थी. ये सबसे स्टाइलिश वाहनों में से एक थी, जिसे हमने 90 के दशक में सड़कों पर देखा था. इसके अलावा, ये उस समय पावर विंडो पेश करने वाली दुर्लभ कारों में से एक थी और निर्यात बाजारों के लिए 4WD थी. कोई आश्चर्य नहीं कि इसके आधुनिक कॉन्सेप्ट फॉर्म ने 2020 ऑटो एक्सपो में इतनी लोकप्रियता हासिल की.  

Tata 207/Tata मोबाइल प्लेटफॉर्म पर आधारित Tata Sierra, देश की पहली तीन दरवाज़ों वाली ऑफ़ रोड स्पोर्ट्स यूटिलिटी व्हीकल थी. कंपनी ने इसके इंजन को 1998 में नए यूरो 2 मानकों के साथ अपडेट किया था, जो 68bhp पावर जेनरेट करता था और इसे पांच स्पीड मैनुअल ट्रांसमिशन के साथ जोड़ा गया था.  

4- Daewoo Cielo (1995)  

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दक्षिण कोरियाई निर्माता Daewoo के Cielo पहली कार थी, जिसने Maruti Esteem को टक्कर दी. इस कार की क़ीमत Maruti Esteem के बराबर ही थी, लेकिन इसमें ज़्यादा सुविधाएं दी गईं थीं. इस वजह से ये कार बहुत जल्द लोकप्रिय हो गई. ये कार एक 1.5-लीटर गज़लर द्वारा संचालित और 75 bhp पावर जेनरेट करती थी, जिसके चलते ये अपने समय की सबसे पावरफ़ुल सेडान में से एक बन गई.   

5- Daewoo Matiz (1999)  

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Daewoo Matiz, Daewoo की दूसरी पेशकश थी, जो 1999 में सामने आई थी. इसे ‘क्यूट, लिटिल कार’ के रूप में जाना जाता था, जो एक छोटे परिवार के लिए एकदम सही थी. इसने पांच-स्पीड मैनुअल ट्रांसमिशन के साथ तीन-सिलेंडर, 800 सीसी इंजन से 52PS की पावर थी. इस फ़्यूल-एफ़िशियंट कार को कुछ लोग अभी भी सैंट्रो की तुलना में बेहतर मानते हैं, जो क़रीब इसी वक़्त आई थी.   

6- Opel Astra (1996)  

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जनरल मोटर्स की भारत में पहली पेशकश Opel Astra उस समय सबसे शानदार और अच्छी दिखने वाली कारों में से एक थी. Astra को 1996 में लॉन्च किया गया था और ये 1.6 पेट्रोल इंजन और सिंगल प्वाइंट फ़्यूल इंजेक्शन के साथ आई थी. कार में 76 bhp की पावर लगाई गई थी, जिसे बाद में 1997 में अपग्रेड किया गया था. पावर मिरर, विंडो, पावर स्टीयरिंग, सेंट्रल लॉकिंग सभी मानक विशेषताएं थीं जो उन दिनों इतनी कॉमन नहीं थीं.  

7- Ford Escort (1996)  

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भारत में Ford ने अपनी पहली कार Ford Escort लॉन्च की. Escort एक बड़े बूट और काफ़ी आरामदायक सीट के साथ आई थी. इस कार में हर तरह का कंफ़र्ट शामिल था. पावर मिरर, पावर स्टयरिंग, म्यूज़िक सिस्टम, एयर कंडीशनिंग और फ़्रंट पावर विंडो, इस कार में सबकुछ था.   

एस्कॉर्ट को दो इंजन के साथ पेश किया गया था – एक 1.3-लीटर पुश-रॉड पेट्रोल इंजन, जो बहुत शक्तिशाली नहीं था और 1.8-लीटर डीज़ल इंजन का अधिक शक्तिशाली और लोकप्रिय विकल्प था. ये कार बिल्क़ुल परफ़ेक्ट तो नहीं थी, लेकिन इसे जिसने भी ख़रीदा उसके लिए हमेशा ख़ास रही.   

8- Mitsubishi Lancer (1997)  

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भारत में HM- Mitsubishi संयुक्त उद्यम की पहली कार Lancer थी. इसने अपनी स्पोर्टी एपियेरेंस के कारण बड़ी संख्या में लोगों को आकर्षित किया, जो उस दशक के दौरान आम नहीं था. ये 1.5-लीटर पेट्रोल इंजन द्वारा संचालित थी, जिसमें 86 bhp की पावर थी और बाद में एक डीजल इंज़न भी पेश किया गया था. इस कार ने स्पोर्टी और लग़्ज़री के बीच की खाई को भर दिया. लेजेंडरी EVO पर आधारित अपने डीएनए के साथ Lancer आसपास की सबसे आकर्षक कारों में से एक थी.   

9- Tata Estate (1992)  

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यूरोपीय बाजार के स्टेशन कारों के तर्ज पर टाटा ने भारत में टाटा इस्टेट को लॉन्च किया था. ये कार भी टाटा 207 प्लेटफ़ॉर्म पर आधारित एक मल्टी पर्पस कार थी. इसमें पांच दरवाज़े, एयर कंडीशनिंग, पावर स्टीयरिंग, पावर विंडो और सेंट्रल लॉकिंग थे. उस समय कोई भी कार इतनी सुविधाए नहीं दे रही थी. इसके साथ ही ये 1998 सीसी डीज़ल इंजन द्वारा संचालित थी. हालांकि, ये कार अपनी सीमित उपयोगिती के कारण भारत में ज्यादा पॉपुलर नहीं हो पाई और 90 के दशक में ही बंद कर दी गई.  

10-Tata Sumo (1994)  

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टाटा मोटर्स की धांसू गाड़ी के नाम से जानी जाने वाली टाटा सूमो 1994 में लॉन्च हुई थी. ये कार अर्ध-शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में बेहद सफ़ल रही. ये कार हर मायने में पहली मॉडर्न पैसेंजर व्हीकल थी. 2-लीटर डीज़ल इंजन द्वारा संचालित इस कार में 9 लोगों के बैठने की जगह थी.   

सड़कों पर तीन दशक तक राज करने वाली और तीन जेनरेशन के बदलावों के बाद सरकार द्वारा अनिवार्य किए गए सेफ़्टी फ़ीचर्स जैसे ड्युअल एयरबैग्स, एबीएस, सीट बेल्ट रिमाइंडर, स्पीड अलर्ट सिस्टम और रिवर्स पार्किंग सेंसर न होने के चलते इसके 2017 में इसके लास्ट मॉडल Sumo Gold का प्रॉडक्शन बंद करना पड़ा.  

11-Hyundai Accent (1999)  

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Hyundai Accent मोटर्स इंडिया द्वारा पेश की जाने वाली पहली सेडान थी. ये अपने सेगमेंट में बेहद लोकप्रिय हो गई और एस्टीम की तुलना में लंबे समय तक बाज़ार में बनी रही. पहला Accent 1.5-लीटर पेट्रोल इंजन द्वारा संचालित थी, जो कि मारुति एस्टीम की तुलना में बहुत प्रभावशाली 92 bhp की पावर रखती है. ये अपनी स्पोर्टनेस और फीचर-लोडेड केबिन के लिए जानी जाती थी. हुंडई ने अपने सभी वेरिएंट में एयर कंडीशनिंग और पावर स्टीयरिंग को मानक के रूप में पेश किया.  

Accent को बाद में अपडेट किया गया और इसका नाम बदलकर ‘Xcent’ कर दिया गया, जो अभी भी कॉम्पैक्ट सेडान सेगमेंट में लोकप्रिय और प्रासंगिक है.  

12- Tata Safari (1998)  

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टाटा सफ़ारी साल 1998 के ऑटो एक्सपो में लॉन्च की गई थी. उस वक़्त ये 2.0-लीटर टर्बोचार्ज्ड डीजल इंजन के साथ आई थी. ये इंजन 90 hp का पावर और 186 Nm टॉर्क जेनरेट करता था. इस एसयूवी का वजन करीब 2 टन था. बोल्ड लुक और बेहतर कम्फर्ट की वजह से सफ़ारी काफ़ी पसंद की गई. सफ़ारी ने सड़कों पर क़रीब 22 साल तक राज किया, लेकिन कंपनी ने तय किया कि वो बीएस6 एमिशन नॉर्म्स के अनुरूप अपग्रेड नहीं करेगी, जिसके चलते इसे बंद कर दिया गया.