कहा जाता है कि वक़्त के साथ सब बदल जाता है. ये 100% सच है. मगर बीता हुआ वक़्त अपनी कहानी से इतिहास के पन्नों को रंगता चला जाता है. बहुत सी चीज़ें संस्कृति का हिस्सा बन जाती हैं और कालांतर में यही सब साथ आकर विरासत का रूप ले लेती हैं. यही साझी विरासत हमारी अस्मिता, हमारी पहचान का हिस्सा बन जाती है.
आज हम बिहार की अस्मिता और उसकी पहचान से जुड़े प्रतीकों को आपके सामने लाने कोशिश कर रहें हैं. आइये एक नज़र डालते हैं उन चीज़ों पर जिससे हर बिहारी जुड़ा हुआ महसूस करता है:
1. बुद्ध की धरती

2. सबसे प्राचीन यूनिवर्सिटी - नालंदा यूनिवर्सिटी

3. बिहार की धरती से पूरे भारतीय उपमहाद्वीप पर शासन करने वाले मौर्य सम्राट अशोक का 'अशोक स्तंभ'

4. 1538 में मुगलों का हराने वाले और रुपये को चलन में लाने वाले शेर शाह सूरी का मकबरा - 1870 में सासाराम में ली गयी तस्वीर

5. 1895 में पटना के अगम कुआं से मिली प्राचीन मूर्ति

6. मधुबनी (मिथिला) पेंटिंग - समृद्ध संस्कृति मगर अब ये कला अपना अस्तित्व बचाए रखने के लिए जूझ रही है

7. सूर्य की पूजा - छठ पर्व

8. एशिया का सबसे बड़ा पशु मेला, सोनपुर मेला - 1952 की तस्वीर

9. मुंगेर के जमालपुर रेलवे वर्कशॉप में खड़े इंजनों की 1897 में ली गई तस्वीर

10. 1895 में गया की एक व्यस्त सड़क

11. जमालपुर, मुंगेर में सरकारी सहायता प्राप्त एक स्कूल - 1897 की तस्वीर

12. 1786 से खड़ा है गोलघर, जिसे अनाज रखने के लिए बनाया गया था

13. विद्यापति, रामधारी सिंह 'दिनकर', रामवृक्ष बेनीपुरी सहित कई बेहतरीन लेखकों की धरती



14. सिनेमा में भी एक से बढ़ कर एक कलाकार

15. 1857 की लड़ाई में अंग्रेजों से लोहा लेने वाले वीर कुंवर सिंह

16. पुराना पटना

17. लीची के लिए मशहूर है बिहार

18. दुनिया को ज़ीरो देने वाले और अभूतपूर्व खगोलशास्त्री, आर्यभट की धरती

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